मेक इन इंडिया की बड़ी कामयाबी! फ्रांस कर रहा भारत निर्मित पिनाक खरीदने की तैयारी
के कुमार आहूजा 2024-11-11 17:41:31
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते भारत के लिए यह गर्व की बात है कि फ्रांस अपनी सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भारत के स्वदेशी पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल) सिस्टम को खरीदने पर विचार कर रहा है। यह कदम भारत की 'मेक इन इंडिया' पहल को मजबूत बनाने के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को मान्यता देने वाला है।
फ्रांसीसी अधिकारी कर रहे हैं मूल्यांकन
फ्रांस के ब्रिगेडियर जनरल स्टीफन रिचो भारत में आकर पिनाक रॉकेट लॉन्चर का मूल्यांकन कर रहे हैं। उनका कहना है कि फ्रांस अपनी आवश्यकता अनुसार पिनाका और अन्य अंतरराष्ट्रीय सिस्टम्स का तुलनात्मक अध्ययन कर रहा है। जनवरी 2024 में जब भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने फ्रांस का दौरा किया था, तब इस प्रणाली पर चर्चा की गई थी। रिचो के अनुसार, पिनाक का स्वदेशी निर्माण और इसे उच्च क्षमताओं के साथ विकसित किया जाना इसे बेहद प्रभावशाली बनाता है।
पिनाक की विशेषताएँ: सटीकता और मारक क्षमता
पिनाक रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता 75 किलोमीटर से अधिक है और इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। यह प्रणाली कई प्रकार के संस्करणों में आती है, जो कि टाटा, लार्सन एंड टुब्रो और सोलर इंडस्ट्रीज जैसे भारतीय कंपनियों द्वारा निर्मित होती है। इसकी बड़ी विशेषता 'शूट एंड स्कूट' है, जिससे यह सिस्टम तुरंत हमला करने के बाद अपनी जगह बदल सकता है, ताकि दुश्मन की प्रतिक्रिया से बच सके। कारगिल युद्ध के दौरान इसका सफलतापूर्वक इस्तेमाल भी किया गया था, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर इसे सटीकता से प्रयोग किया था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग
भारत का यह स्वदेशी रॉकेट सिस्टम सिर्फ फ्रांस ही नहीं बल्कि अन्य यूरोपीय और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का भी ध्यान आकर्षित कर रहा है। हाल ही में आर्मेनिया ने भी पिनाक सिस्टम का ऑर्डर दिया था, जिससे भारत का रक्षा निर्यात पहली बार 20,000 करोड़ रुपये से अधिक पहुंच गया। इस निर्यात में भारत की क्षमता को दर्शाने के साथ-साथ, वैश्विक बाजार में उसकी विश्वसनीयता को भी स्थापित किया गया है।
भारत-फ्रांस के बढ़ते रक्षा संबंध
भारत और फ्रांस के रक्षा संबंध पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुए हैं। राफेल जेट्स के अनुबंध से लेकर पनडुब्बियों के संयुक्त निर्माण तक, दोनों देशों ने अपने सहयोग को कई स्तरों पर विस्तारित किया है। इसके अतिरिक्त, फ्रांस भारत को अन्य रक्षा उपकरणों की आपूर्ति भी करता रहा है। फ्रांस की इस दिलचस्पी से भारत की स्वदेशी रक्षा उत्पादन को न केवल प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि भविष्य में अन्य देशों के साथ इसी तरह के सौदों के द्वार भी खुलेंगे।
यदि फ्रांस पिनाक रॉकेट सिस्टम को खरीदने का सौदा करता है, तो यह भारत के लिए रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता का संकेतक होगा।