राजस्थान बॉर्डर पर चरवाहे को मिला बम, सेना ने सुरक्षित तरीके से किया निष्क्रिय
के कुमार आहूजा 2024-11-11 17:15:17
राजस्थान के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित एक गांव में एक चरवाहे ने एक संदिग्ध वस्तु देखी, जो बाद में बम निकली। इस सूचना के बाद भारतीय सेना के कोनार्क कॉर्प्स के जवानों ने तुरंत एक्शन लिया और बम को निष्क्रिय कर गांव के लोगों को बड़ी राहत दी। यह घटना क्षेत्र में अतीत के युद्धों के बचे हुए विस्फोटकों की समस्याओं को भी उजागर करती है।
खरिया गांव में मिली संदिग्ध वस्तु
यह घटना 23 अक्टूबर को जैसलमेर जिले के खरिया गांव की है, जहां एक चरवाहे ने सूचित किया कि उसे एक निर्जन इलाके में एक संदिग्ध वस्तु दिखाई दी। ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (BSF) को इसकी सूचना दी। इसके बाद, मौके पर पहुंचकर अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह एक बम है, जिसे तुरंत सुरक्षा घेराबंदी में लेकर निष्क्रिय करने का फैसला लिया गया।
सेना के जवानों की मुस्तैदी
कोनार्क कॉर्प्स की बम डिस्पोजल टीम जल्द ही घटना स्थल पर पहुंची और बम को विशेष सावधानी के साथ हैंडल किया। इसे एक रेत भरे बैग में रखकर सुरक्षा के उपाय किए गए। इस दौरान, ग्रामीणों को भी सुरक्षा की दृष्टि से दूर रखा गया। सेना के जवानों ने बाद में बम को वायर कनेक्शन के जरिए सुरक्षित तरीके से डिफ्यूज़ किया, जिससे क्षेत्र में जोरदार धमाका भी सुना गया, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ।
अतीत से जुड़े विस्फोटकों की संभावनाएं
सेना के अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रकार के विस्फोटक अक्सर भारत-पाकिस्तान के पूर्व युद्धों के समय के हो सकते हैं। जैसलमेर का इलाका, जो भारत-पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है, लंबे समय से इस प्रकार के निष्क्रिय बमों की मौजूदगी का गवाह रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यहां पहले भी युद्ध के समय बचे हुए बम मिले हैं, जो अब कभी-कभी दिखाई पड़ जाते हैं।
सेना की तत्परता और सूझबूझ
भारतीय सेना की तत्परता और सूझबूझ के कारण, इस घटना में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ। सेना ने न केवल बम को सुरक्षित रूप से डिफ्यूज़ किया, बल्कि इसके साथ ही गांव के लोगों को भी आश्वस्त किया कि उनकी सुरक्षा सेना की प्राथमिकता है। कोनार्क कॉर्प्स के कई अधिकारी और जवान इस घटना के दौरान वहां मौजूद रहे और उन्होंने गांव के लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का परिचय दिया।
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि सीमा पर बसे हुए गांवों में पुरानी युद्ध सामग्री का खतरा हमेशा मौजूद रहता है। यह भी स्पष्ट हुआ कि सेना इस प्रकार की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार है। जैसलमेर का यह क्षेत्र अपनी सैन्य गतिविधियों के लिए जाना जाता है, और ऐसे घटनाओं में सेना की सक्रिय भूमिका गांव वालों को सुरक्षा का भरोसा दिलाती है।