उत्तर भारत में कोहरे का कहर, दक्षिण में बरसात का अलर्ट: IMD की चेतावनी


के कुमार आहूजा  2024-11-11 13:38:13



 

देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम ने अचानक करवट बदली है। उत्तर भारत में कोहरे की चादर हर सुबह सड़कों पर मुश्किलें खड़ी कर रही है, तो वहीं दक्षिण भारत के कई राज्यों में बारिश के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग (IMD) ने अपनी रिपोर्ट में कई महत्वपूर्ण बातों का खुलासा किया है, जिसमें तापमान में गिरावट, घना कोहरा और हल्की वर्षा की संभावना शामिल है​।

कोहरे की चपेट में उत्तर भारत

उत्तर भारत के कई राज्य, विशेषकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश, इस समय कोहरे की चपेट में हैं। IMD ने कहा है कि आने वाले दिनों में कोहरा और घना होने की उम्मीद है, जिससे विजिबिलिटी घटेगी और ट्रैफिक में दिक्कतें बढ़ेंगी। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में सड़कों और हवाई यातायात पर इसका गहरा असर दिख रहा है, जहां कई ट्रेनें और उड़ानें भी प्रभावित हुई हैं। IMD का अनुमान है कि कोहरा दिसंबर के अंत तक बने रहने की संभावना है, जिससे ठंड का असर और बढ़ेगा​।

तापमान में मामूली गिरावट की उम्मीद

हालांकि, तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं देखने को मिला है, लेकिन आने वाले दिनों में पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री तक गिरावट का अनुमान है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की बर्फबारी और बारिश की भी संभावना जताई गई है, जो क्षेत्र में ठंड को और बढ़ाएगी​।

दक्षिण भारत में बारिश का अलर्ट

साथ ही, दक्षिण भारत के कई राज्यों जैसे तमिलनाडु, केरल और पुद्दुचेरी में अगले कुछ दिनों तक बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मछुआरों को चेतावनी दी गई है कि वे समुद्र में जाने से बचें, खासकर अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के पास। आईएमडी ने दक्षिण भारत में हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है, जो कृषि क्षेत्र के लिए राहत की बात हो सकती है​।

प्रदूषण भी बना परेशानी का सबब

दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता भी खराब बनी हुई है, जिससे ठंडी हवाएं धरती तक नहीं पहुंच पा रही हैं। यही कारण है कि क्षेत्र में ठंड के बावजूद तापमान अपेक्षाकृत सामान्य से ज्यादा है। पश्चिमी विक्षोभ का असर कमजोर होने से दिन में गर्मी का एहसास हो रहा है, हालांकि रात में हल्की ठंड महसूस की जा रही है​।

विशेषज्ञों की राय: क्यों हो रहा तापमान में असंतुलन?

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि वॉकर परिसंचरण में व्यवधान और उत्तरी भारत में चक्रवात के न होने के कारण उत्तर और मध्य भारत में तापमान में गिरावट नहीं हो पा रही। इन सबका असर न केवल मानसून के बाद की बारिश पर पड़ा, बल्कि सर्दियों की शुरुआत में भी गर्मी का एहसास हो रहा है। इसके चलते देश के कई हिस्सों में इस बार का मौसम असामान्य रूप से गरम है​।

इस प्रकार, IMD की रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि देश में इस बार सर्दियों का मौसम पहले से अलग ढंग का है। ठंड के इस मौसम में तापमान में अप्रत्याशित बदलाव और कोहरे की चादर ने न केवल लोगों के जीवन पर असर डाला है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन को भी चुनौती दी है।


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