कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया की कांफ्रेंस: हृदय रोगों पर विशेषज्ञों ने दिए 120 से अधिक व्याख्यान


के कुमार आहूजा  2024-11-11 09:25:35



 

बीकानेर में कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के राजस्थान चैप्टर द्वारा आयोजित द्वितीय वार्षिक कांफ्रेंस में देश-विदेश से आए हृदय रोग विशेषज्ञों ने हृदय रोगों के उभरते मुद्दों और उपचार की नई तकनीकों पर चर्चा की। इस कांफ्रेंस में हार्ट डिजीज़ पर करीब 120 विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ।

डब्ल्यूएचओ की चेतावनी और इस कांफ्रेंस का महत्व: 

आयोजन समिति के सचिव डॉक्टर पिंटू नाहटा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2025 तक भारत में हृदय रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी का संकेत दिया है, जिससे यह कॉन्फ्रेंस विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है। इसमें हृदय रोगों के रोकथाम और इलाज में नवीन तकनीकों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर भी प्रकाश डाला गया​।

हृदय रोगों की रोकथाम के उपाय: 

एम्स नई दिल्ली के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. एस.सी. मनचंदा ने बताया कि जीवनशैली में बदलाव, तंबाकू सेवन पर नियंत्रण, और योग एवं प्राणायाम जैसे अभ्यास हृदय रोगों की रोकथाम में सहायक साबित हुए हैं। प्रेक्षा ध्यान पद्धति का उपयोग करने से हृदय रोगियों के लिए काफी लाभदायक परिणाम सामने आए हैं​।

हाथ से एंजियोग्राफी के लाभ: 

पदमभूषण डॉ. तेजस पटेल ने एंजियोग्राफी और स्टेंट लगाने के नए तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इन प्रक्रियाओं में हाथ के उपयोग से कॉम्प्लिकेशंस कम होते हैं, और योग और प्राणायाम का उपचार में समावेश हृदय रोगियों को दीर्घकालिक लाभ पहुंचा सकता है​।

बिना चीर-फाड़ के वॉल रिप्लेसमेंट तकनीक: 

मेदांता अस्पताल, नई दिल्ली के डॉ. प्रवीण चंद्रा ने बिना चीर-फाड़ के वॉल रिप्लेसमेंट तकनीक पर अपने अनुभव साझा किए। यह तकनीक मरीजों को बिना अधिक दर्द और जटिलताओं के इलाज उपलब्ध कराती है​।

कांफ्रेंस में जर्मनी के विशेषज्ञ का योगदान: 

जर्मनी से आए डॉ. दीपक जैन ने हृदय रोगियों में पंपिंग डिवाइसेज के उपयोग पर अपने विचार रखे। उन्होंने एंजियोप्लास्टी के दौरान हार्ट फेल्योर वाले मरीजों के इलाज के बेहतर तरीकों पर जानकारी साझा की​।

स्थानीय और राष्ट्रीय विशेषज्ञों की भागीदारी: 

कांफ्रेंस में उदयपुर, जयपुर, अजमेर, और एम्स जोधपुर के विशेषज्ञों सहित विभिन्न राज्यों के डॉक्टरों ने भी अपनी प्रस्तुति दी। राजस्थान यूनिवर्सिटी हेल्थ साइंसेज की प्रोफेसर डॉ. रेशु गुप्ता ने हृदय रोगों के फिजियोलॉजी पर आधारित उपचार पर अपने विचार व्यक्त किए।

साइंटिफिक समिति की भूमिका: 

साइंटिफिक समिति के इंचार्ज डॉ. दिनेश चौधरी ने बताया कि इस कांफ्रेंस में प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक हार्ट केयर और रिदम केयर जैसे विषयों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉक्टर देवेंद्र अग्रवाल ने कहा कि इस कांफ्रेंस से बीकानेर और आसपास के जिलों में कार्यरत हृदय रोग विशेषज्ञों को नवीन उपचार पद्धतियों की जानकारी मिली, जिससे मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।


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