पुणे फ्लैट का किस्सा: मुख्य न्यायाधीश ने विदाई समारोह में किया अपने माता-पिता को याद
के कुमार आहूजा 2024-11-11 06:42:09
पुणे फ्लैट का किस्सा: मुख्य न्यायाधीश ने विदाई समारोह में किया अपने माता-पिता को याद
भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने अपने कार्यकाल के समापन के मौके पर सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक विदाई समारोह में शामिल होकर कई यादें साझा कीं। इस दौरान उन्होंने अपने पिता और देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश, वाईवी चंद्रचूड़ से जुड़े एक किस्से का जिक्र किया। ये किस्सा न्यायपालिका में नैतिकता और सिद्धांतों पर उनकी सोच को दर्शाता है।
मुख्य न्यायाधीश ने समारोह में अपने पिता द्वारा खरीदे गए पुणे के एक छोटे फ्लैट का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये फ्लैट उनके पिता ने एक खास मकसद से लिया था। डी.वाई. चंद्रचूड़ ने बताया कि उन्होंने अपने पिता से पूछा था कि उन्होंने यह फ्लैट क्यों खरीदा, जबकि वो वहां कभी नहीं रहने वाले थे। उनके पिता ने जवाब दिया कि यह फ्लैट उनके पास एक सुरक्षित स्थान के रूप में रहेगा ताकि अगर कभी न्यायाधीश या वकील के रूप में उन्हें नैतिकता से समझौता महसूस हो, तो उन्हें पता हो कि सिर पर एक छत है, और किसी भी तरह का समझौता न करना पड़े।
मुख्य न्यायाधीश ने इस किस्से से न्यायपालिका में नैतिकता की अहमियत पर जोर दिया। उनका कहना था कि यह शिक्षाएं उनके पेशेवर जीवन का आधार बनीं। चंद्रचूड़ ने यह भी बताया कि उनकी मां, प्रभा चंद्रचूड़, जो खुद एक शास्त्रीय संगीतकार थीं, ने उनके नाम का चुनाव करते समय भी एक प्रेरणादायक सोच रखी थी। उन्होंने कहा कि उनकी मां ने उन्हें "धनंजय" नाम इसलिए दिया ताकि वह विद्या के धन को अर्जित कर सकें न कि सिर्फ भौतिक संपत्ति को।
इसके अलावा, उन्होंने अपने माता-पिता के साथ बिताए समय को याद किया और उनकी शिक्षाओं को अपनी जीवन की आधारशिला बताया। समारोह में चंद्रचूड़ ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि उनके पिता के कहने पर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी की पढ़ाई की, जो उनके इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनने के दौरान बेहद उपयोगी साबित हुई। इस दौरान उन्होंने अपने पिता के समान ही मर्यादा और सिद्धांतों को सर्वोपरि रखा।
सुप्रीम कोर्ट में तकनीकी उन्नति: "वॉर रूम" का परिचय
मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट में हाल के दिनों में तकनीकी सुधारों की दिशा में भी कई कदम उठाए गए हैं। इन तकनीकी सुधारों में कोर्ट का "वॉर रूम" प्रमुख है, जिसका उद्देश्य न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और गति बढ़ाना है। इस वॉर रूम में कोर्ट के सभी मामलों की निगरानी की जाती है, जो केस दर्ज होने से लेकर निपटान तक के प्रत्येक चरण को रिकॉर्ड करता है। यह वॉर रूम, न्यायपालिका के आधुनिकीकरण की दिशा में चंद्रचूड़ का योगदान है।
चंद्रचूड़ की विरासत में, न्यायपालिका में टेक्नोलॉजी के उपयोग को एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। उनके नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने ई-कोर्ट्स और लाइव स्ट्रीमिंग जैसी कई पहलों को लागू किया है, जिससे न्यायिक प्रणाली तक जनता की पहुंच में सुधार हुआ है।
चंद्रचूड़ की सेवानिवृत्ति के बाद, जस्टिस संजीव खन्ना भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे, जो चंद्रचूड़ की लिगेसी को आगे बढ़ाएंगे।