ऑनलाइन गेमिंग की लत बनी जानलेवा: हमीरपुर के 14 वर्षीय छात्र ने की आत्महत्या
के कुमार आहूजा 2024-11-10 13:56:29
हमीरपुर, उत्तर प्रदेश के राठ में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहाँ एक 14 वर्षीय छात्र, मनीष कुमार, ने कथित तौर पर ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते खुद की जान ले ली। इस घटना ने बच्चों में ऑनलाइन गेमिंग की बढ़ती समस्या को लेकर परिवारों और विशेषज्ञों में चिंता बढ़ा दी है।
घटना का विवरण
राठ के पठानपुरा मोहल्ला निवासी, रामप्रताप अहिरवार के बेटे मनीष कुमार ने खुदकुशी कर ली। रामप्रताप, जो तहसील में एक कलेक्शन असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं, ने बताया कि मनीष पिछले आठ दिनों से स्कूल नहीं जा रहा था और बुखार से पीड़ित था। वह अक्सर रात में देर तक ऑनलाइन गेम्स खेलता था और इसी कारण नींद पूरी नहीं होती थी।
पिता की प्रतिक्रिया
रामप्रताप अहिरवार ने बताया कि घटना के दिन उन्होंने जब मनीष के कमरे का दरवाजा तोड़ा, तो उन्हें मनीष बेसुध हालत में मिला। उसे तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ डॉक्टर चंद्रशेखर राजपूत ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच
SHO उमेश सिंह ने बताया कि इस घटना की जानकारी पहले पुलिस को नहीं दी गई थी। घटना की सूचना मिलने पर जांच शुरू की गई है, और यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि मनीष ने यह कदम क्यों उठाया।
मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञों की राय
जिला अस्पताल की मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, नीता ने बताया कि मोबाइल और ऑनलाइन गेमिंग की लत बच्चों में बढ़ती जा रही है, खासकर किशोरावस्था में। नीता के अनुसार, इंटरनेट पर घंटों बिताने से बच्चे अजनबियों के संपर्क में आ जाते हैं, जो उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।
बच्चों की ऑनलाइन गेमिंग की लत को कैसे रोका जाए
डॉ. नीता ने सुझाव दिया कि बच्चों को स्मार्टफोन की लत से बचाने के लिए अभिभावकों को उन पर निगरानी रखनी चाहिए और उन्हें बाहरी खेलों में व्यस्त रखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। "बच्चों के साथ समय बिताने, उन्हें प्रकृति की सैर पर ले जाने से उनके मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है," उन्होंने कहा।
यह घटना परिवारों और अभिभावकों के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखना कितना महत्वपूर्ण है। बढ़ती डिजिटल लत से बच्चों को बचाने के लिए जागरूकता और सही कदम उठाने की आवश्यकता है।