वुलर झील में कश्मीरी हंसों की रहस्यमयी मौत से मचा हड़कंप, पशु प्रेमी और पर्यावरणविद सकते में 


के कुमार आहूजा  2024-11-10 12:21:19



वुलर झील में कश्मीरी हंसों की रहस्यमयी मौत से मचा हड़कंप, पशु प्रेमी और पर्यावरणविद सकते में 

कश्मीर के वुलर झील में हाल ही में एक ऐसी घटना हुई जिसने न केवल पक्षी प्रेमियों को बल्कि पर्यावरणविदों को भी हिला कर रख दिया। हजारों कश्मीरी हंसों की रहस्यमयी मौत ने सभी को चिंता में डाल दिया है। ये हंस, जिन्हें स्थानीय रूप से 'कशूर ऐन्ज' कहा जाता है, का मरना एक बड़ा पर्यावरणीय संकट बन गया है। आइए जानते हैं इस दुखद घटना के बारे में विस्तार से।

घटना का विवरण:

वुलर झील, जो दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील मानी जाती है, में कश्मीरी हंसों के मरने की घटना ने हलचल मचा दी है। ये हंस कश्मीर के मूल निवासी हैं और आमतौर पर ठंडे मौसम में वुलर झील पर आते हैं। इस घटना की शुरुआत दिसंबर 2022 में हुई जब स्थानीय पक्षी विशेषज्ञ इरफान जीलानी को कश्मीरी हंसों की रहस्यमयी मौत के बारे में जानकारी मिली।

रानीखेत या न्यूकैसल बीमारी:

इरफान जीलानी, जो 'बर्ड्स ऑफ कश्मीर' के संस्थापक हैं, ने बताया कि कुछ मृत पक्षियों और बीमार पक्षियों के लक्षणों से यह प्रतीत होता है कि ये रानीखेत (Newcastle Disease) या NDV के कारण मरे हैं। इस बीमारी के लक्षणों में आंखों का सूजना, गर्दन और सिर का झुकना, दस्त और असमर्थता शामिल हैं। खास बात यह है कि रानीखेत बीमारी केवल हंसों को प्रभावित करती है, जबकि अन्य पक्षी जैसे बत्तख इससे प्रभावित नहीं होते हैं।

अधिकारियों का बयान:

डॉ. जीए लोण, जो बांदीपोरा जिले में पशुपालन विभाग के प्रमुख हैं, ने भी जीलानी के निरीक्षणों से सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि उनकी टीम के प्रारंभिक जांच में भी रानीखेत रोग के लक्षण पाए गए हैं। इसके अलावा, अन्य अधिकारियों ने इस बात का भी उल्लेख किया कि पक्षियों में बोटुलिज़म (Avian Botulism) की संभावना भी पूरी तरह से नकारा नहीं की जा सकती, और इसकी जांच जारी है।

वुलर झील का महत्व:

वुलर झील कश्मीर का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जो सर्दियों में लाखों प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह झील न केवल कश्मीरी हंसों, बल्कि अन्य जलपक्षियों जैसे शॉवलर, मालार्ड और दुर्लभ पल्लस फिश ईगल का घर भी है। हर साल, झील में लाखों प्रवासी पक्षी आते हैं, और पिछले वर्ष लगभग 4 लाख पक्षी इस झील पर आए थे। इस साल अधिक पक्षियों के आने की उम्मीद है।

क्या कहा गया है प्रशासन द्वारा?

वुलर कंजरवेशन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी (WLCA) के अधिकारियों ने कहा कि हंसों की मौत की घटना के बाद विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है और नमूने एकत्र किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने यह भी कहा कि अब तक प्रवासी पक्षियों में कोई प्रभाव नहीं देखा गया है, और न ही आसपास के अन्य क्षेत्रों में किसी प्रकार की मृतकों की सूचना मिली है।

कशूर ऐन्ज का महत्व:

कश्मीरी हंस, जिसे 'कशूर ऐन्ज' कहा जाता है, को 2022 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा भारत की एकमात्र घरेलू हंस प्रजाति के रूप में मान्यता प्राप्त हुई थी। इन हंसों की दो प्रमुख किस्में हैं - सफेद सफ़ेद ऐन्ज (Ganderbal में पाया जाता है) और दारचीनी रंग के कचूर ऐन्ज (बांदीपोरा और बारामुला में पाए जाते हैं)।

वुलर झील में इस रहस्यमयी घटना ने केवल कश्मीरी हंसों के लिए खतरे की घंटी बजाई है, बल्कि यह कश्मीर के पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी एक बड़ा झटका है। इस घटना से जुड़े मामलों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है, लेकिन अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह घटनाएं किस कारण हुई हैं। विशेषज्ञ और अधिकारी इस स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।


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