यादगिर में कपास गोदाम में भीषण आग, करोड़ों का नुकसान


के कुमार आहूजा  2024-11-10 06:22:18



 

कर्नाटक के यादगिर तालुक के मुण्डरगी गांव के पास स्थित एक कपास गोदाम में भीषण आग लगने से भारी मात्रा में कपास जलकर राख हो गई। इस हादसे में कई करोड़ रुपयों का नुकसान होने का अनुमान है, जबकि इस दुर्घटना के कारण का अभी तक पता नहीं चल सका है। आग लगने की घटना के तुरंत बाद वहां के किसान और स्थानीय लोग आग बुझाने में जुट गए, लेकिन आग तेजी से फैलती चली गई, जिससे इसे नियंत्रण में लाना मुश्किल हो गया।

कपास और किसानों की मेहनत जलकर खाक

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आग इतनी तेजी से फैली कि उसे काबू में लाने में काफी कठिनाई हुई। इस दौरान किसानों ने मिलकर आग बुझाने का प्रयास किया, परंतु गोदाम में रखे कपास की भारी मात्रा और उसकी ज्वलनशीलता के कारण आग बुझाना असंभव हो गया। काफी देर बाद, यादगिर के दमकल विभाग को सूचना दी गई, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया। गोदाम में रखे कपास की भारी मात्रा में क्षति हुई है, और करोड़ों रुपये का कपास आग की चपेट में आ गया।

आग लगने के संभावित कारण

अभी तक इस दुर्घटना के कारण का पता नहीं चला है। हालांकि, प्रारंभिक जांच में इसे एक दुर्घटना के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन पुलिस और फॉरेंसिक टीमें मिलकर इसके वास्तविक कारणों का पता लगाने में जुटी हुई हैं। घटनास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि गोदाम में सुरक्षा उपायों की कमी के कारण आग इतनी तेजी से फैल सकी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में बेहतर सुरक्षा व्यवस्थाओं की आवश्यकता है।

किसानों को भारी नुकसान की आशंका

इस भीषण आग में कपास के साथ-साथ किसानों की मेहनत भी जलकर राख हो गई। रिपोर्टों के अनुसार, इस दुर्घटना के कारण स्थानीय किसानों पर आर्थिक संकट गहरा सकता है क्योंकि उनके उत्पाद के जल जाने से उन्हें भारी नुकसान हुआ है। इस क्षेत्र के किसानों के लिए कपास आय का मुख्य स्रोत है, और इस तरह की दुर्घटनाएं उन्हें बड़ी वित्तीय समस्याओं में डाल सकती हैं। अब प्रशासन से यह उम्मीद की जा रही है कि वह किसानों की मदद के लिए उचित कदम उठाएगा और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

आग से प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य जारी

दमकल विभाग द्वारा स्थिति पर काबू पाने के बाद राहत और पुनर्वास का कार्य जारी है। इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन आर्थिक नुकसान काफी अधिक होने का अनुमान है। प्रशासन द्वारा आगे की जांच और किसानों की सहायता के लिए कदम उठाए जाने की संभावना है।


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