श्रीनगर में ग्रेनेड हमले से दहशत: निर्दोष नागरिकों पर हुआ हमला
के कुमार आहूजा 2024-11-09 06:09:52
रविवार, तीन नवंबर, 2024 को श्रीनगर में एक बड़ा ग्रेनेड हमला हुआ, जिसने एक बार फिर से आतंकवाद की समस्या को उजागर कर दिया। यह हमला ऑल इंडिया रेडियो स्टेशन के बाहर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बंकर पर किया गया, जब संडे मार्केट में भारी भीड़ थी।
हमले का घटनाक्रम
आतंकियों ने इस हमले को उस समय अंजाम दिया जब लाल चौक पर साप्ताहिक बाजार सज रहा था। ग्रेनेड हमला टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) के पास किया गया, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय दुकानदार और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में कम से कम 12 नागरिक घायल हुए हैं, जिनमें से आठ पुरुष और एक महिला शामिल हैं। सभी घायलों की हालत फिलहाल स्थिर है, और उन्हें श्री महाराजा हरि सिंह अस्पताल (एसएमएचएस) में भर्ती कराया गया है।
घायल नागरिकों की जानकारी
मिस्बा (17 वर्ष), निवासी टैंट्री नौगाम
अजान कालू (17 वर्ष), निवासी नूरबाग
हबीबुल्लाह राथर (50 वर्ष), निवासी कलूसा बांदीपोरा
अल्ताफ अहमद सीर (21 वर्ष), निवासी अमशीपोरा शोपियां
फैजल अहमद (16 वर्ष), निवासी खानियार
उर फारूक, निवासी पट्टन
फैजान मुश्ताक (20 वर्ष), निवासी पंपोर
जाहिद (19 वर्ष), निवासी चेकपोरा कलां नौगाम
गुलाम मुहम्मद सोफी (55 वर्ष), निवासी चट्टाबल
सुमैया जान (45 वर्ष), निवासी नैदखाई सुम्बल
स्थानीय सरकार की प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे बेहद परेशान करने वाला बताया और सुरक्षा तंत्र से आग्रह किया कि वे इन हमलों की लहर को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा, “निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने का कोई औचित्य नहीं हो सकता। हमलों की इस लहर को रोकना जरूरी है ताकि लोग बिना किसी डर के जीवन जी सकें।”
पूर्व की घटनाएं
यह हमला एक ऐसे समय में हुआ है जब क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हालात तनावपूर्ण हैं। एक दिन पहले, शनिवार को अनंतनाग और खानयार में सुरक्षाबलों ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ की थी, जिसमें तीन आतंकी मारे गए थे। मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का एक वरिष्ठ कमांडर भी शामिल था, जो इलाके में बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा था।
सुरक्षा की स्थिति
इस घटना ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को एक बार फिर से चुनौती दी है। स्थानीय लोगों और पर्यटकों के बीच बढ़ती हुई दहशत ने व्यापार को भी प्रभावित किया है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस हमले के बाद तत्काल जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की पहचान के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों को मौके पर भेजा गया है।
श्रीनगर में हुए इस ग्रेनेड हमले ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि क्या सुरक्षा बल आतंकवाद की इस लहर को रोक पाने में सक्षम हैं। ऐसे समय में जब जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में सुरक्षा स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद आवश्यक है।