पीएम मोदी ने ट्रम्प को दी ऐतिहासिक जीत की बधाई 


के कुमार आहूजा  2024-11-07 16:17:18



 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प की ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई दी। ट्रम्प की इस अप्रत्याशित वापसी को लेकर भारत में भी चर्चाएं गर्म हैं। मोदी ने 'मित्र' ट्रम्प के साथ मिलकर भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को शुभकामनाएं दीं। अपने बधाई संदेश में मोदी ने ट्रम्प को एक "ऐतिहासिक" जीत के लिए सराहना की और "मित्र" कहते हुए भारत-अमेरिका के वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की इच्छा जताई। मोदी का यह संदेश अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

मोदी ने अपने संदेश में लिखा, “प्रिय मित्र @realDonaldTrump को आपकी ऐतिहासिक जीत के लिए हार्दिक बधाई। पिछले कार्यकाल की सफलता के आधार पर, मैं हमारे सहयोग को फिर से मजबूत करने और भारत-अमेरिका के व्यापक वैश्विक और रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं।" इस संदेश के साथ मोदी ने दोनों देशों के हित में मिलकर काम करने और विश्व शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।

मोदी ने ट्रम्प के पिछले कार्यकाल की उपलब्धियों की सराहना करते हुए उन्हें अपने सहयोगी के रूप में पेश किया। ट्रम्प के साथ मोदी की पहले की मुलाकातों की तस्वीरें भी इस पोस्ट में साझा की गईं, जिससे उनके संबंधों की गर्मजोशी स्पष्ट होती है।

अमेरिकी चुनाव में ट्रम्प की जीत को कई राजनीतिक विशेषज्ञ एक ऐतिहासिक वापसी के रूप में देख रहे हैं। ट्रम्प, जो 2016-2020 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं, इस बार के चुनाव में फिर से राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल हुए और अनुमानित रूप से 270 से अधिक इलेक्ट्रोरल वोट्स जीतकर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस की जीत के रास्ते में बाधा बने। इस जीत ने ट्रम्प को एक महत्वपूर्ण पुनरुत्थान का प्रतीक बना दिया है, और यह उनकी राजनीतिक यात्रा के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।

भारत के लिए ट्रम्प का राष्ट्रपति बनना एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक पहलू है। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में भारत और अमेरिका के संबंधों में उल्लेखनीय सुधार हुआ था। दोनों देशों ने व्यापार, रक्षा, और तकनीकी सहयोग के क्षेत्र में कई नई पहलें शुरू की थीं। ट्रम्प के "अमेरिका फर्स्ट" नारे के बावजूद, भारत के साथ उनके संबंध सौहार्दपूर्ण रहे। इस दौरान दोनों नेताओं की दोस्ती और करीबी संबंधों का कई बार सार्वजनिक मंचों पर प्रदर्शन भी किया गया था।

ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के साथ ही भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही मजबूत हो रहे कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों को और मजबूती मिल सकती है। प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प के बीच की घनिष्ठता को देखते हुए दोनों देशों के व्यापार और रक्षा साझेदारी में नए अध्याय की उम्मीद की जा रही है। ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में कई प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर हुए थे, जिनमें रक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया था।

इसके साथ ही, मोदी और ट्रम्प की पहल से भारत-अमेरिका संबंधों को और अधिक "रणनीतिक" और "वैश्विक" बनाने की दिशा में जोर दिया गया था। मोदी के इस बधाई संदेश के जरिए भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अमेरिका के साथ मिलकर वैश्विक स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत-अमेरिका संबंधों के इस नए अध्याय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े ध्यान से देखा जा रहा है। इस गठजोड़ से न केवल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में संतुलन बनेगा, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी इसके कई प्रभाव पड़ सकते हैं। भारत का अमेरिका के साथ बढ़ता सहयोग चीन जैसी वैश्विक ताकतों को भी चुनौती देने में सक्षम हो सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्रम्प को उनकी ऐतिहासिक जीत पर बधाई देना यह दर्शाता है कि भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक सहयोग में न केवल स्थिरता है, बल्कि यह आगे बढ़ने की मजबूत संभावनाएं भी रखता है। दोनों नेताओं के साझा दृष्टिकोण से दोनों देशों के नागरिकों के लिए एक बेहतर भविष्य की नींव रखी जा रही है।


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