क्या लंबे समय तक बैठना आपको उम्र से अधिक वृद्ध दिखाता है? नई स्टडी ने किया हैरान कर देने वाला खुलासा
के कुमार आहूजा 2024-11-07 11:50:09
घटों ऑफिस में बैठकर काम करते हैं, और फिर घर आकर थकान से आराम करना पसंद करते हैं? अगर हां, तो आपके लिए एक नई स्टडी का खुलासा चौंकाने वाला हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक बैठने से उम्र बढ़ने के संकेत पहले ही दिखने लगते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। यह शोध "प्लॉस वन" जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसमें सैकड़ों लोगों के डेटा का विश्लेषण किया गया है।
अध्ययन का निष्कर्ष
कोलोराडो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चंद्रा रेनॉल्ड्स और उनकी टीम ने 1,000 से अधिक युवाओं का अध्ययन किया, जिसमें 730 जुड़वा शामिल थे। इसका उद्देश्य था कि कितनी देर तक बैठना हमारे स्वास्थ्य पर असर डालता है। शोध के मुताबिक, अगर आप एक दिन में 8.5 घंटे या हफ्ते में 60 घंटे से अधिक समय तक बैठते हैं, तो आप अपनी उम्र से कहीं ज्यादा बड़े दिखने लगते हैं। यह अध्ययन उन लोगों पर केंद्रित था जो ऑफिस में, यात्रा के दौरान या घर पर अधिकतर समय बैठकर बिताते हैं।
बैठने का स्वास्थ्य पर असर
शोध के नतीजों ने यह भी साबित किया कि केवल उम्र कम होना या 20 मिनट की हल्की एक्सरसाइज, जैसे वॉकिंग, लंबे समय तक बैठने के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद नहीं कर सकती। इसके बजाय, रोजाना 30 मिनट तक दौड़ना या साइकिल चलाना जैसी जोरदार एक्सरसाइज स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं है। जो लोग रोजाना इस तरह की एक्सरसाइज करते हैं, उनके बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और कोलेस्ट्रॉल लेवल युवाओं की तरह स्वस्थ पाए गए, लेकिन इसे पूरी तरह असरकारक नहीं माना जा सकता।
बढ़ती बीमारियों का खतरा
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि युवा लोग जो हर दिन औसतन 8.5 घंटे बैठते हैं और सामान्य व्यायाम की सिफारिशों से कम एक्सरसाइज करते हैं, वे मध्यम से उच्च जोखिम वाले स्वास्थ्य श्रेणी में आते हैं। अध्ययन में कहा गया है कि लंबे समय तक बैठने से विशेष रूप से हृदय संबंधी और मेटाबॉलिक रोगों का खतरा बढ़ता है। इससे संबंधित कुछ कारक, जैसे उच्च कोलेस्ट्रॉल और बीएमआई, बढ़ी हुई उम्र के साथ स्वास्थ्य समस्याओं की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।
प्रोफेसर चंद्रा रेनॉल्ड्स की सलाह
आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रोफेसर चंद्रा रेनॉल्ड्स का मानना है कि दिनभर में बैठने का समय कम करना और जोरदार एक्सरसाइज या दोनों का मेल करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने सुझाव दिया कि काम के दौरान खड़े होकर कार्य करने के लिए स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग करना चाहिए, बीच-बीच में चलने के लिए ब्रेक लेना चाहिए और जहां संभव हो, चलती बैठकों का आयोजन करना चाहिए। उनका कहना है कि "वर्क के बाद सिर्फ कुछ मिनट की वॉक करना पर्याप्त नहीं है। हमें लंबे समय तक बैठने के असर को जल्द पहचानना और उसे कम करने के लिए कदम उठाना चाहिए।"
इस अध्ययन ने युवाओं में लंबे समय तक बैठने की आदत के गंभीर नतीजों को उजागर किया है। शोध में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि शारीरिक गतिविधि के मौजूदा सुझाव शायद लंबे समय तक बैठने के प्रभावों को पूरी तरह से संतुलित नहीं कर सकते। यह हमारी लाइफस्टाइल में बदलाव की ओर संकेत देता है, खासकर उन लोगों के लिए जो दिन के अधिकतर घंटे बैठकर काम करते हैं।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी स्वास्थ्य पर जागरूकता के उद्देश्य से है। कोई भी निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।