सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: 7,500 किलोग्राम तक की कमर्शियल गाड़ियों को भी चला सकेंगे LMV लाइसेंस धारक 


के कुमार आहूजा  2024-11-07 07:50:26



 

सुप्रीम कोर्ट का नया निर्णय परिवहन क्षेत्र में एक अहम बदलाव लेकर आया है। कोर्ट ने घोषणा की है कि 7,500 किलोग्राम से कम वज़न की कमर्शियल गाड़ियों को भी LMV (लाइट मोटर व्हीकल) लाइसेंस वाले चालक चला सकते हैं। यह निर्णय कई ड्राइवरों और परिवहन क्षेत्र के लिए राहत भरी खबर साबित होगी। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी।

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच, जिसमें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हृषिकेश रॉय, पीएस नरसिम्हा, पंकज मित्तल और मनोज मिश्रा शामिल हैं, ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा कि 7,500 किलोग्राम से कम वज़न वाले कमर्शियल वाहन, लाइट मोटर व्हीकल (LMV) की श्रेणी में आते हैं। इसका अर्थ है कि LMV लाइसेंस धारक इन हल्के वाणिज्यिक वाहनों को भी चला सकते हैं, जो पहले कई मामलों में असमंजस का कारण बना हुआ था।

इस फैसले का असर उन लोगों पर विशेष रूप से पड़ेगा जो ऐप-बेस्ड गिग वर्क, जैसे कि कैब और डिलीवरी सेवाओं में कार्यरत हैं, क्योंकि वे अधिकतर LMV लाइसेंस पर ही निर्भर रहते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि 7,500 किलोग्राम तक के सभी कमर्शियल वाहन चलाने के लिए कोई अलग लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह सवाल उठाया गया था कि क्या LMV लाइसेंस धारक "लाइट मोटर व्हीकल क्लास" की कमर्शियल गाड़ी चला सकते हैं?

बेंच ने इससे पहले हुए मुकुंद देवांगन बनाम ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड केस के फैसले का समर्थन किया, जिसमें तीन सदस्यीय बेंच ने कहा था कि 7,500 किलोग्राम से कम वज़न वाले वाहन LMV श्रेणी में आते हैं।

कोर्ट ने साफ किया कि बड़े कमर्शियल वाहनों के लिए अलग लाइसेंस की आवश्यकता रहेगी, परंतु 7,500 किलोग्राम तक की गाड़ियों के लिए LMV लाइसेंस पर्याप्त होगा।

मार्च 2022 में तीन सदस्यीय बेंच ने इस मुद्दे को संविधान बेंच के पास भेजा था, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा के अनुसार लाइसेंस की श्रेणियों में अंतर क्या है। इस संवैधानिक बेंच ने इस पर 76 याचिकाओं की सुनवाई की और अंतिम निर्णय पर पहुंची।

यह फैसला उन ड्राइवरों के लिए राहत लेकर आया है जो छोटे वाणिज्यिक कार्यों में शामिल होते हैं और इसके लिए LMV लाइसेंस रखते हैं। यह बदलाव विभिन्न ऐप-बेस्ड और कमर्शियल सेवाओं में नए अवसर खोल सकता है। अब इस फैसले के साथ, वे बिना किसी अतिरिक्त लाइसेंस के परिवहन कार्य कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने मोटर वाहन कानून में एक स्पष्टता दी है जो कि कई ड्राइवरों और परिवहन कंपनियों के लिए राहत की बात है। इस निर्णय के तहत न केवल LMV और कमर्शियल लाइसेंस के बीच का भ्रम समाप्त हुआ है बल्कि सरकार को नियमों को समान रूप से लागू करने के निर्देश भी मिले हैं।


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