मणिपुर में सुरक्षाबलों का बड़ा एक्शन: प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों के 6 आतंकवादी गिरफ्तार, भारी मात्रा में हथियार बरामद


के कुमार आहूजा  2024-11-07 06:40:37



 

घटना का परिचय:

मणिपुर में हाल के दिनों में हिंसा और उग्रवाद की गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है, और इसी को देखते हुए राज्य के सुरक्षा बलों ने ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की हैं। पिछले 24 घंटों में सुरक्षाबलों ने दो अलग-अलग उग्रवादी समूहों से जुड़े छह आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए हैं।

गिरफ्तार आतंकियों की पहचान और गिरफ्तारी:

इस ऑपरेशन के तहत थौबल जिले के चारंगपट मयाई लीकाई इलाके में कांगलेपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) से जुड़े पांच उग्रवादियों को पकड़ा गया। गिरफ्तार आतंकियों की पहचान थोकचोम बिक्रम सिंह (29), सिनम बीजेन सिंह (37), थांगजम दीपक सिंह (30), लम्बामायुम नाओबी सिंह (26), और हुईनिंगसुम्बम टोन सिंह (21) के रूप में की गई है। इनके पास से एक हैंड ग्रेनेड, पांच मोबाइल फोन, 13 सिम कार्ड्स और एक चार पहिया वाहन जब्त किया गया है।

इसके अलावा बिष्णुपुर जिले के कुंबी क्षेत्र से प्रेपक (प्रो) संगठन के एक उग्रवादी नोंगमैथेम गुनमनी उर्फ अलु (32) को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, अराम्बाई टेंगोल समूह के एक कट्टर सदस्य खुलेम संजीप उर्फ भीम (30) को भी इम्फाल में दो नागा युवाओं पर हमला करने के आरोप में पकड़ा गया है।

भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी:

सुरक्षा बलों ने कई जिलों में छापेमारी के दौरान एक SLR, एक स्नाइपर राइफल, दो बोल्ट एक्शन राइफल, एक 9mm पिस्टल और पांच लाइव ग्रेनेड समेत भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किए हैं। इस अभियान में एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है, जो उग्रवादियों द्वारा विभिन्न अपराधों में इस्तेमाल की जा रही थी।

उग्रवादियों का उद्देश्य और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया:

पुलिस ने बताया कि ये आतंकवादी स्थानीय लोगों से जबरन वसूली, धमकी और अपहरण जैसी गतिविधियों में संलिप्त थे। इस गिरफ्तारी से सुरक्षा बलों को बड़ी राहत मिली है और इस क्षेत्र में उग्रवादी गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

नागा संगठनों की प्रतिक्रिया:

इम्फाल में 31 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद, नागा समुदाय से जुड़े तीन प्रमुख संगठनों ने राज्य सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। नागा पीपल्स ऑर्गनाइजेशन, सेनापति जिला छात्र संघ और सेनापति जिला महिला संघ ने एक संयुक्त बयान जारी कर अराम्बाई टेंगोल से जुड़े आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। संगठनों का कहना है कि अगर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे व्यापक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।

मणिपुर में जातीय संघर्ष और राज्य की स्थिति:

मणिपुर में पिछले 18 महीनों से मीतई और कुकी-जो समुदायों के बीच जारी जातीय संघर्ष के दौरान कई घटनाएं सामने आई हैं, हालांकि नागा समुदाय इस संघर्ष में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं है। नागा समुदाय ने हाल की घटनाओं पर सरकार से न्याय की मांग की है, जिससे उनके समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

सुरक्षा बलों द्वारा उठाए गए इस कदम से मणिपुर में उग्रवादियों के मनसूबों पर बड़ा असर पड़ेगा। नागा संगठनों की प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार के लिए आगे की चुनौतियां आसान नहीं होंगी। सरकार को उग्रवाद पर नियंत्रण के साथ-साथ विभिन्न समुदायों के बीच शांति बनाए रखने की जरूरत है।


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