हरियाणा, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के लिए पंद्रहवें वित्त आयोग का अनुदान जारी किया गया
के कुमार आहूजा 2024-11-06 07:39:57
हरियाणा, त्रिपुरा और मिजोरम के ग्रामीण विकास के लिए केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग के तहत करोड़ों रुपये का अनुदान जारी किया है। यह कदम ग्रामीण स्थानीय निकायों को मजबूत करने और स्वशासन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हरियाणा, त्रिपुरा और मिजोरम के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 15वें वित्त आयोग का अनुदान जारी किया है। हरियाणा के पंचायती राज संस्थानों को पहली किस्त के रूप में 194.87 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। यह राशि राज्य की 18 जिला पंचायतों, 139 ब्लॉक पंचायतों और 5911 ग्राम पंचायतों के बीच वितरित की जाएगी, जिन्होंने अनुदान की आवश्यक शर्तें पूरी की हैं।
त्रिपुरा में ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 78.5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। इसमें 31.40 करोड़ रुपये की पहली किस्त और 47.10 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त शामिल है। ये धनराशि सभी 1260 ग्रामीण स्थानीय निकायों, जिसमें पारंपरिक स्थानीय निकाय, टीटीएएडीसी (त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद) और विभिन्न ग्राम समितियाँ शामिल हैं, को वितरित की जाएगी।
मिजोरम को भी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 15वें वित्त आयोग का अनुदान मिला है, जिसमें 35.5 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। यह धनराशि स्वायत्त जिला परिषद क्षेत्रों सहित सभी 834 ग्राम परिषदों के लिए है। इसमें 14.20 करोड़ रुपये और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 21.30 करोड़ रुपये शामिल हैं।
संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची के तहत, ग्रामीण स्थानीय निकायों को बद्ध और अबद्ध अनुदान का उपयोग स्थल-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए करने की अनुमति है। बद्ध अनुदान का उपयोग स्वच्छता, ओडीएफ स्थिति बनाए रखने और पेयजल आपूर्ति के लिए किया जाता है, जबकि अबद्ध अनुदान का उपयोग विशेष रूप से स्थानीय विकास आवश्यकताओं के लिए किया जाता है।
15वें वित्त आयोग का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाना है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के "सबका साथ, सबका विकास" के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास को बढ़ावा मिलता है। ये निधि पंचायतों और स्थानीय निकायों को अधिक सक्षम, जवाबदेह और आत्मनिर्भर बनने में मदद करती हैं।
भारत सरकार, पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से अनुदान जारी करती है। यह अनुदान वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में वितरित किया जाता है, जिससे ग्रामीण विकास के प्रयासों को समर्थन मिलता है।
हरियाणा, त्रिपुरा और मिजोरम के लिए 15वें वित्त आयोग का अनुदान ग्रामीण विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्थानीय निकायों को सशक्त करने और विकास के मार्ग पर आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी।