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के कुमार आहूजा  2024-11-06 07:10:16



 

कनाडा में हिंदू समुदाय ने अपने मंदिरों को राजनीति से दूर रखने का अभूतपूर्व निर्णय लिया है। यह सख्त कदम ब्रैम्पटन के हिंदू महासभा मंदिर में हुए हमले के बाद उठाया गया है, जिसमें कट्टरपंथियों द्वारा हिंसा की घटनाएं सामने आईं। इस फैसले ने कनाडा में राजनीतिक हलकों और सुरक्षा प्रशासन की सोच को झकझोर कर रख दिया है।

ब्रैम्पटन मंदिर हमला: हमले के बाद सामुदायिक असुरक्षा का माहौल

कनाडा के ब्रैम्पटन स्थित हिंदू महासभा मंदिर में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शन ने हिंदू समुदाय के भीतर सुरक्षा चिंताओं को और गहरा कर दिया है। कई प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर के मुख्य द्वार पर हिंसक भीड़ ने जबरन प्रवेश किया और मंदिर के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार किया। इस हमले से हिंदू समुदाय में गहरी नाराजगी और भय का माहौल बन गया है, जिसके कारण समुदाय ने राजनीतिक नेताओं पर मंदिर में राजनीतिक गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध की घोषणा कर दी।

हिंदू संगठनों का एकजुट कदम

इस मामले के जवाब में, कनाडाई नेशनल काउंसिल ऑफ हिंदूज़ (CNCH), हिंदू फेडरेशन और अन्य हिंदू संगठनों ने एकजुट होकर सभी राजनेताओं के मंदिरों में राजनीतिक उद्देश्यों के साथ प्रवेश पर रोक लगा दी है। इन संगठनों का कहना है कि यह कदम हिंदू समुदाय की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। उनके अनुसार, नेताओं को मंदिरों में केवल श्रद्धालुओं के रूप में ही प्रवेश की अनुमति होगी, लेकिन किसी भी राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए मंदिर का मंच नहीं मिलेगा।

राजनीतिक समुदाय से ठोस कदम की मांग

संयुक्त बयान में हिंदू संगठनों ने हिंसात्मक घटनाओं के बढ़ते मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की और बताया कि कई सालों से हिंदू कनाडाई समुदाय को लगातार कट्टरपंथी घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हिंदू संगठनों ने स्पष्ट किया कि विभिन्न समुदाय के नेताओं द्वारा बार-बार सुरक्षा को मजबूत करने की मांग के बावजूद राजनीतिक नेता आवश्यक कदम उठाने में असफल रहे हैं।

समुदाय की सुरक्षा और पवित्रता के लिए प्रतिबद्धता

यह निर्णय हिंदू समुदाय की अपनी धार्मिक जगहों की सुरक्षा और पवित्रता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हिंदू संगठनों ने कहा कि राजनीतिक नेताओं को समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने और धार्मिक स्थलों के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने होंगे। जब तक वे ठोस प्रयास नहीं दिखाते, तब तक उन्हें मंदिरों में राजनीतिक मंच नहीं मिलेगा।

फैसले के गहरे संदेश

हिंदू संगठनों के इस कदम ने कनाडा में धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर गहरी चर्चा छेड़ दी है। उनके इस निर्णय ने न केवल हिंदू समुदाय की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है बल्कि अन्य धार्मिक समुदायों को भी संदेश दिया है कि उनके धार्मिक स्थलों पर राजनीति का प्रभाव सीमित रखा जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का ध्यान आकर्षित

इस फैसले के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य नेताओं का ध्यान भी इस ओर आकर्षित हुआ है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए नए कदम उठाएगी।

घटना के बाद आगे की योजना

हिंदू संगठनों का यह बयान उन सभी नेताओं को सख्त चेतावनी देता है जो राजनीतिक फायदे के लिए मंदिरों का उपयोग करना चाहते हैं। इन संगठनों ने बताया कि इस तरह के निर्देश से हिंदू समुदाय की एकता और धार्मिक स्वतंत्रता को बल मिलेगा।


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