लेबनान में इजरायली नौसेना का छापा: सीनियर ऑपरेटिव को पकड़ने का दावा
के कुमार आहूजा 2024-11-04 08:38:08
हाल के दिनों में, मिडिल ईस्ट में तनाव और भी बढ़ गया है। इस बीच, इजरायली नौसेना ने लेबनान के बटरून तटीय शहर में छापेमारी की, जिसमें एक ट्रेनी नाविक को गिरफ्तार किया गया। इस युवक को इजरायली सैन्य अधिकारियों द्वारा हिजबुल्लाह का एक वरिष्ठ ऑपरेटिव बताया गया है, जिससे पूछताछ के लिए उसे इजरायल लाया गया है। यह घटना न केवल इजरायल-लेबनान संबंधों में एक नई मोड़ ला सकती है, बल्कि इसके पीछे की रणनीति भी महत्वपूर्ण है।
छापेमारी की जानकारी
इजरायली सेना के एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि इस छापेमारी में गिरफ्तार किया गया व्यक्ति लेबनान के शिया-बहुल शहर कमातियाह का निवासी है और वह समुद्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (MARSATI) का छात्र है। उसे इजरायल में पूछताछ के लिए लाया गया है, जहाँ उसकी गतिविधियों की गहन जांच की जाएगी। लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने इस छापेमारी की शिकायत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
इजरायली कार्रवाई पर लेबनान की प्रतिक्रिया
लेबनान की सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार, एक अज्ञात सैन्य बल ने शुक्रवार की सुबह बटरून के किनारे समुद्री लैंडिंग की। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, यह छापेमारी हिजबुल्लाह की गतिविधियों को सीमित करने के प्रयास का हिस्सा है, जो इजरायल के लिए एक सुरक्षा खतरा बनता जा रहा है। लेबनान की सेना और संयुक्त राष्ट्र शांति सेना यूनिफिल भी इस मामले की जांच कर रही है, और उन्होंने जांच के नतीजों की मांग की है।
हिजबुल्लाह का संदर्भ
इजरायली सेना की इस कार्रवाई के पीछे एक बड़ा उद्देश्य हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमताओं को कमजोर करना है। हिजबुल्लाह, जो ईरान द्वारा समर्थित एक सशस्त्र समूह है, लंबे समय से इजरायल के लिए एक चुनौती बना हुआ है। इजरायली अधिकारियों का मानना है कि इस तरह की छापेमारी से वे हिजबुल्लाह की नाभिकीय संचालन क्षमताओं को सीमित कर सकते हैं, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को और बढ़ा सकता है।
क्षेत्रीय सुरक्षा पर प्रभाव
इस छापेमारी से मिडिल ईस्ट के सुरक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते हैं। इजरायल ने इस घटना को एक निर्णायक कार्रवाई के रूप में पेश किया है, जो हिजबुल्लाह की शक्ति को तोड़ने के लिए आवश्यक है। यदि यह स्थिति और बिगड़ती है, तो इससे क्षेत्र में व्यापक संघर्ष की संभावना भी बढ़ सकती है, जो ना केवल लेबनान और इजरायल, बल्कि पूरे मध्य पूर्व को प्रभावित कर सकती है।
इस घटना का महत्व न केवल सीधे तौर पर इजरायली और लेबनानी संबंधों पर पड़ेगा, बल्कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी एक नई चुनौती पैदा हो सकती है। इस छापेमारी के परिणामों का विश्लेषण करना और उसके बाद के घटनाक्रमों पर नजर रखना बेहद आवश्यक होगा।