हिजाब विवाद पर ईरान में महिला छात्रा का अनोखा प्रतिरोध: कपडे उतार कर कैंपस में घूमी 


हिजाब विवाद पर ईरान में महिला छात्रा का अनोखा प्रतिरोध: कपडे उतार कर कैंपस में घूमी हिजाब विवाद पर ईरान में महिला छात्रा का अनोखा प्रतिरोध: कपडे उतार कर कैंपस में घूमी   2024-11-04 07:49:22



हिजाब विवाद पर ईरान में महिला छात्रा का अनोखा प्रतिरोध: कपडे उतार कर कैंपस में घूमी 

ईरान में एक महिला छात्रा द्वारा किया गया हिजाब विरोध हाल ही में दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह घटना तेहरान की साइंस एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी में हुई, जहाँ विश्वविद्यालय की नैतिकता पुलिस के उत्पीड़न के बाद छात्रा ने न केवल अपने अधिकारों का साहसिक तरीके से बचाव किया, बल्कि अपने प्रतिरोध को एक प्रतीकात्मक रूप भी दिया। यह घटना देश में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता के संघर्ष के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में उभरी है, विशेषकर "महसा अमिनी आंदोलन" के दौरान, जिसने व्यापक स्तर पर हिजाब नियमों के खिलाफ विरोध को जन्म दिया था।

घटना का विवरण और छात्रा का साहसिक प्रतिरोध

रिपोर्ट के अनुसार, जब विश्वविद्यालय की नैतिकता पुलिस ने छात्रा पर "अशोभनीय हिजाब" के कारण सवाल उठाए, तो छात्रा ने तुरंत प्रतिरोध का रास्ता चुना। अपनी असहमति को जाहिर करने के लिए, उसने अपने कपड़े उतारकर केवल अंडरगार्मेंट्स में पूरे परिसर में मार्च किया। इस कदम से उसने महिलाओं पर लागू किए गए कठोर नियमों के खिलाफ एक अनोखा संदेश दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि इस साहसिक प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया, जिससे देश में जारी महिला अधिकारों के संघर्ष पर एक नई बहस छिड़ गई।

देशभर में व्यापक प्रतिक्रिया

ईरान में पिछले कुछ समय से महिलाओं के लिए अनिवार्य हिजाब नियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं। विशेष रूप से महसा अमिनी की मृत्यु के बाद से, जिसके कारण “वूमन, लाइफ, फ्रीडम” (महिला, जीवन, स्वतंत्रता) आंदोलन को बल मिला, छात्रों, महिलाओं और कई संगठनों ने हिजाब से संबंधित कठोर नियमों के खिलाफ प्रदर्शन किए। महसा अमिनी की मृत्यु के बाद, विरोध में छात्रों और महिलाओं ने देशभर में रैलियाँ निकालीं और विश्वविद्यालयों में बहिष्कार का आयोजन किया। इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि ईरानी महिलाएं अपनी स्वतंत्रता के लिए किस तरह का बलिदान देने को तैयार हैं​।

विश्वविद्यालयों में बढ़ता छात्र आंदोलन और पुलिस की सख्ती

ईरान की राजधानी तेहरान समेत कई प्रमुख विश्वविद्यालयों में पिछले कुछ वर्षों से सख्ती और नियमों के खिलाफ विरोध बढ़ते जा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला छात्रों का मानना है कि हिजाब को लेकर बनाए गए नियम उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन करते हैं, और इसी को लेकर वे बार-बार प्रतिरोध कर रही हैं। कई बार शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को भी सख्ती से दबाया गया है। ईरान के कुछ बड़े विश्वविद्यालय जैसे अल्लामेह तबाताबाई विश्वविद्यालय और अमीर कबीर यूनिवर्सिटी ने इन विरोधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कई छात्रों को हिरासत में लिया गया है, जिन्हें विभिन्न प्रकार के दंड दिए गए हैं​।

घटना का विडियो वायरल 

इस घटना का एक विडियो एक्स पर वायरल हो रहा है। @AlinejadMasih नाम के अकाउंट से शेयर किए गए इस विडियो में छात्रा को केवल अंडर गारमेंट्स में कैंपस में घुमते दिखाया गया है। विडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है कि, "ईरान में, अपने विश्वविद्यालय की नैतिकता पुलिस द्वारा अपने "अनुचित" हिजाब के कारण परेशान की गई एक छात्रा ने पीछे हटने से इनकार कर दिया। उसने अपने शरीर को विरोध में बदल दिया, अपने अंडरवियर उतार दिए और कैंपस में मार्च किया - एक ऐसी व्यवस्था को चुनौती दी जो लगातार महिलाओं के शरीर को नियंत्रित करती है। उसका यह कृत्य ईरानी महिलाओं की आज़ादी की लड़ाई की एक शक्तिशाली याद दिलाता है। हाँ, हम अपने शरीर का इस्तेमाल हथियार की तरह करते हैं ताकि एक ऐसी व्यवस्था से लड़ सकें जो महिलाओं को उनके बाल दिखाने के लिए मार देती है। यह तेहरान के विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय में हुआ। उसे तब से अधिकारियों ने गिरफ़्तार कर लिया है। उसकी आवाज़ बनें।" 

निहितार्थ और आगे की राह

ईरानी महिलाओं का यह प्रतिरोध देश में लंबे समय से जारी सख्ती के नियमों के खिलाफ एक गंभीर संदेश है। महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने वाले संगठन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय लगातार इस मामले पर नज़र बनाए हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान में महिलाओं का संघर्ष उनके अधिकारों की पहचान और उन्हें स्वतंत्रता देने के लिए एक ऐतिहासिक कदम हो सकता है।


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