लद्दाख के देमचोक और देपसांग में भारत-चीन तनाव कम, भारतीय सेना ने फिर से शुरू की पेट्रोलिंग


के कुमार आहूजा  2024-11-03 19:12:08



 

पूर्वी लद्दाख के देमचोक और देपसांग क्षेत्रों में लंबे समय से चले आ रहे भारत-चीन सीमा तनाव में एक नई राहत आई है। दोनों देशों के बीच समझौते के बाद सेना की पेट्रोलिंग को फिर से शुरू कर दिया गया है। यह घटनाक्रम 2020 के गलवान संघर्ष के बाद उत्पन्न हुए तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसमें कई बार सीमावर्ती क्षेत्रों में झड़पें हुई थीं।

विवादित क्षेत्रों में तनाव घटाने के प्रयास

भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार, दोनों सेनाओं ने हाल ही में इन विवादित क्षेत्रों में अपने अस्थायी ढांचों और बंकरों को हटाने का काम पूरा किया है। इसके बाद पेट्रोलिंग को दुबारा आरंभ करने के लिए प्रक्रिया को सुनिश्चित किया गया। यह कदम उन क्षेत्रों में स्थिरता लाने और सुरक्षा स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया है, जहां पहले पेट्रोलिंग पर प्रतिबंध लगा हुआ था। इस पहल के माध्यम से, चीन और भारत के बीच संबंधों में एक नई शुरुआत होने की उम्मीद जताई जा रही है​।

दीपावली पर सीमा पर मिठाई का आदान-प्रदान

हाल ही में हुए इस समझौते के बाद, भारत और चीन के सैनिकों ने कई सीमा चौकियों पर दीपावली के अवसर पर मिठाई का आदान-प्रदान किया। यह एक पारंपरिक संकेत है जो दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देता है। इस प्रकार के सांकेतिक आदान-प्रदान का मुख्य उद्देश्य आपसी विश्वास को मजबूत करना और भविष्य में तनाव को कम करने की दिशा में सहयोग को बढ़ावा देना है​।

पेट्रोलिंग प्रक्रिया और भविष्य की उम्मीदें

देमचोक में पेट्रोलिंग 1 नवंबर 2024 से शुरू हो चुकी है, और जल्द ही देपसांग में भी पेट्रोलिंग शुरू होने की उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह घटनाक्रम न केवल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए आवश्यक है, बल्कि सीमा सुरक्षा को भी पुनः सुदृढ़ करेगा। भारतीय सेना का कहना है कि दोनों देशों के बीच हुए समझौतों का पालन करते हुए इस क्षेत्र में स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है​।

सीमा विवाद और भविष्य की चुनौतियाँ

लांकि यह विकास एक सकारात्मक संकेत है, परंतु सीमा पर पूरी तरह से स्थिरता लाने के लिए अब भी कई कूटनीतिक प्रयासों की आवश्यकता होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही देमचोक और देपसांग जैसे इलाकों में शांति प्रयास सफल हो रहे हों, लेकिन अन्य क्षेत्रों में सीमा मुद्दों को हल करना अभी बाकी है। इन समझौतों से दोनों देशों के बीच संवाद का रास्ता खुला है और आने वाले समय में आपसी संबंधों को और भी सुधारने के लिए बातचीत का सिलसिला जारी रह सकता है​।


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