एनसीबी के दो जांचकर्ताओं को विशेष सम्मान: मेक्सिकन कार्टेल और डार्कनेट के नेटवर्क का किया था पर्दाफाश


के कुमार आहूजा  2024-11-03 18:15:59



 

डार्कनेट और मेक्सिकन ड्रग कार्टेल के जाल को बेनकाब करने में कामयाबी हासिल करने वाले नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के दिल्ली जोनल यूनिट के दो जांच अधिकारियों को गृह मंत्रालय ने विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया। गुप्त सन्देश सेवा और क्रिप्टोकरेंसी का प्रयोग कर अंडरवर्ल्ड में अपने पैर पसारने वाले इस ड्रग नेटवर्क की जांच में इन अधिकारियों की सूझ-बूझ और गहनता की सराहना की जा रही है। यह सफलता केवल दिल्ली के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक बड़ी उपलब्धि है।

तफ्तीश के प्रमुख पहलू:

एनसीबी के इंस्पेक्टर चेतन शर्मा और सचिन कुमार ने अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में इस केस को सुलझाने का बीड़ा उठाया। दोनों अधिकारियों ने गहन तकनीकी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने ड्रग नेटवर्क से जुड़े संदेशों को डिकोड किया और क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शंस को ट्रैक किया। इन्होंने "विकर मी," "सेशन," और "जैबर" जैसे एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स से सबूत एकत्र किए और यह साबित किया कि मेक्सिकन कार्टेल के सदस्य भारत में एक नेटवर्क चला रहे थे।

सबसे बड़ी एलएसडी जब्ती:

एनसीबी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल (स्पेशल विंग) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि यह ऑपरेशन भारत में सबसे बड़ी एलएसडी जब्ती का कारण बना, जिसमें 29,013 एलएसडी ब्लॉट्स पकड़े गए। एनसीबी ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर डार्कनेट पर सक्रिय ड्रग सप्लायर्स की पहचान उजागर की।

विशेष ऑपरेशन "सागरमंथन-1" की सफलता:

इस साल एनसीबी के 14 अधिकारियों को गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया है। इनमें से नौ अधिकारियों को स्पेशल ऑपरेशन "सागरमंथन-1" में सफलता हासिल करने के लिए पदक दिया गया। इस ऑपरेशन में एनसीबी ने फरवरी में गुजरात के पोरबंदर तट पर एक ईरानी मछली पकड़ने वाली नाव से 3,272 किलोग्राम चारस, हेरोइन, और मेथामफेटामिन जब्त की। इस कार्यवाही में भारतीय नौसेना और गुजरात पुलिस का सहयोग भी सराहनीय रहा। इस ऑपरेशन में शामिल ग्यानेश्वर सिंह, एसडी जाम्बोटकर, सागर प्रताप कौशिक, संदीप और अन्य अधिकारियों को भी दक्शता पदक से सम्मानित किया गया है।

अंतरराष्ट्रीय ड्रग नेटवर्क पर वार:

इसके अलावा, एनसीबी के मुख्यालय में ऑपरेशन सुपरिटेंडेंट अरविंद एम. आर. ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग ट्रैफिकिंग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया जो ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, मलेशिया और भारत तक फैला था। इस केस में पांच लोगों की गिरफ्तारी की गई, जिसमें तमिल फिल्म निर्माता भी शामिल था। इस जांच ने अरविंद को संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एवं अपराध कार्यालय, इंटरनेशनल नार्कोटिक्स कंट्रोल बोर्ड और डीईए (यूएसए) जैसे संगठनों से भी प्रशंसा दिलाई।

दक्षता पदक से सम्मानित अन्य अधिकारी:

एनसीबी बेंगलुरु के सब-इंस्पेक्टर मुरारी लाल को भी दक्षता पदक से सम्मानित किया गया, जिन्होंने देश भर में फैले कोकीन नेटवर्क का खुलासा किया। वहीं चेन्नई के एनसीबी इंस्पेक्टर अक्षय हुनुरकर ने भारत और श्रीलंका के बीच पल्क स्ट्रेट से मादक पदार्थों की तस्करी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को तोड़ने में सफलता पाई।

एनसीबी के इन अधिकारियों का साहस और पेशेवर दृष्टिकोण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में मील का पत्थर साबित हुआ है। गृह मंत्रालय द्वारा इनकी सराहना न केवल उनके अद्वितीय कार्य के लिए एक सम्मान है, बल्कि समाज को यह संदेश भी देता है कि भारत में ड्रग माफियाओं के लिए कोई जगह नहीं है।


global news ADglobal news ADglobal news AD