लखनऊ के लक्ष्मण मेला ग्राउंड में छठ पूजा की भव्य तैयारी, भोजपुरी समाज ने झोंकी पूरी ताकत
के कुमार आहूजा 2024-11-03 09:55:14
लखनऊ में छठ पर्व को लेकर जोश और उत्साह अपने चरम पर है। इस बार लक्ष्मण मेला ग्राउंड में छठ पर्व के आयोजन के लिए विशेष तैयारियाँ की जा रही हैं। नई वेदियाँ बन रही हैं, नदी की सफाई हो चुकी है, और प्रशासन भी हर तरह से इस आयोजन में मदद कर रहा है। यह पर्व न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी शहर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लक्ष्मण मेला ग्राउंड में छठ पूजा की तैयारियाँ पूरी जोर-शोर से जारी:
लखनऊ के लक्ष्मण मेला ग्राउंड में छठ पर्व के भव्य आयोजन की तैयारियाँ जोरों पर हैं। नई वेदियाँ बनाई जा रही हैं, जहाँ श्रद्धालु अपने व्रत को समाप्त करने के लिए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगे। इसके साथ ही गोमती नदी की सफाई का कार्य भी पूरा कर लिया गया है ताकि श्रद्धालु पवित्र जल में अपनी पूजा संपन्न कर सकें। प्रशासनिक सहयोग से इस बार का आयोजन और भी सुगम और सुव्यवस्थित बनाने की कोशिश की जा रही है।
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज का 40 वर्षों का समर्पण:
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि छठ पर्व के लिए वे दो महीने पहले से ही तैयारियाँ शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा, "इस वर्ष इस आयोजन का 40वाँ वर्ष है, जब अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा छठ पूजा का आयोजन किया जा रहा है।" प्रभुनाथ राय ने इस पर्व के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का जिक्र करते हुए बताया कि उन्होंने अपने जीवन का आधा हिस्सा इस आयोजन के लिए समर्पित कर दिया है। उनके अनुसार, छठ पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह भोजपुरी संस्कृति की आस्था और मान्यताओं का प्रतीक भी है।
छठ पर्व की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता:
छठ पर्व विशेष रूप से सूर्य उपासना का पर्व है, जो चार दिनों तक चलता है और इसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है। इस पर्व के दौरान लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए निर्जला व्रत रखते हैं और सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस वर्ष भी बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन में भाग लेंगे। यह पर्व खासतौर पर उत्तर भारतीय समाज में गहरे विश्वास और आस्था का प्रतीक है। लखनऊ में यह आयोजन लोगों के बीच एकता और समर्पण की भावना को भी प्रकट करता है।
प्रशासन का सहयोग और स्वच्छता अभियान:
लखनऊ प्रशासन ने इस पर्व के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की हैं। लक्ष्मण मेला ग्राउंड की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है और नदी में गंदगी को दूर किया गया है। इसके अलावा, सुरक्षा के लिहाज से भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुलिस और वॉलंटियर टीमें तैनात रहेंगी ताकि कोई अनहोनी न हो। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जगह-जगह पर पानी और स्वास्थ्य सेवाओं का इंतजाम भी किया गया है।
भोजपुरी समाज का योगदान:
अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के सदस्यों ने छठ पर्व की तैयारी में विशेष भूमिका निभाई है। समाज ने इस आयोजन में हर साल की तरह इस बार भी समर्पित सहयोग दिया है। प्रभुनाथ राय ने बताया कि वेदियों के निर्माण से लेकर, सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी तक समाज के लोग लगातार लगे हुए हैं। उनका कहना है कि छठ के इस पर्व को वे अपनी सांस्कृतिक धरोहर मानते हैं और इसे बड़े स्तर पर मनाने का प्रयास हर वर्ष करते हैं।
सामाजिक एकता और सौहार्द का पर्व:
छठ पूजा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के लोगों को एक साथ जोड़ता है। लखनऊ में रहने वाले विभिन्न समुदायों के लोग इस आयोजन में भाग लेते हैं और श्रद्धा से सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस आयोजन के माध्यम से समाज में एकता और भाईचारे का संदेश भी जाता है।