चारधाम यात्रा का समापन: गंगोत्री, केदारनाथ, और यमुनोत्री धाम आज होंगे बंद, सर्दियों के लिए मंदिरों का गर्भगृह बंद होने को तैयार


के कुमार आहूजा  2024-11-03 07:58:45



 

सर्दियों की शुरुआत के साथ ही चारधाम यात्रा के प्रमुख मंदिरों के दरवाजे बंद होने का सिलसिला शुरू हो गया है। उत्तराखंड के गंगोत्री धाम से आज भक्तों को आखिरी दर्शन मिलेंगे, वहीं केदारनाथ और यमुनोत्री धाम भी 3 नवंबर को भाई दूज पर्व पर श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाएंगे। इस वार्षिक परंपरा के साथ, भगवान की मूर्तियों को शीतकालीन निवास में स्थानांतरित किया जाएगा। इस साल धामों के बंद होने के समय भक्तों में विशेष उत्साह देखा गया, खासकर उद्योगपति मुकेश अंबानी के दौरे के बाद।

गंगोत्री धाम के कपाट बंद होंगे 

गंगोत्री धाम के कपाट आज दोपहर 12:14 बजे विधिवत रूप से बंद किए जाएंगे। इसके बाद भगवान की मूर्ति को डोली यात्रा के जरिए भक्तों और मंदिर प्रशासन के साथ उनके शीतकालीन निवास, मुखबा गांव में ले जाया जाएगा। यात्रा के दौरान भारी संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है, क्योंकि ठंड का मौसम गहराने से पहले यह उनके दर्शन का आखिरी मौका है।

केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद  

केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को भाई दूज पर्व पर बंद होंगे। केदारनाथ की मूर्ति को विशेष रीति-रिवाजों के साथ डोली यात्रा के माध्यम से उसके शीतकालीन निवास उखीमठ ले जाया जाएगा, जहां छह महीनों तक भक्त दर्शन कर सकेंगे।

बद्रीनाथ और मदमहेश्वर धाम के कपाट भी बंद होने की तैयारी में 

बद्रीनाथ धाम 17 नवंबर को भक्तों के लिए बंद किया जाएगा, और भगवान की प्रतिमा को पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान मंदिर में स्थापित किया जाएगा। वहीं, मदमहेश्वर धाम 20 नवंबर को बंद होगा। इस तरह से चारधाम यात्रा का यह चरण समाप्त होने को है, जिससे ऊंचाई वाले इलाकों में पड़ने वाली कड़ी ठंड से मंदिरों को संरक्षित किया जा सके।

मुकेश अंबानी की यात्रा से मिला भक्तों का विशेष स्नेह 

हाल ही में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) को पांच करोड़ रुपये दान भी किए, जिससे वहाँ के विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। अंबानी की वार्षिक यात्रा ने श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह पैदा किया। BKTC के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय के अनुसार, अंबानी ने केदारनाथ में रुद्राभिषेक किया और लक्ष्मी माता मंदिर का भी दौरा किया, जो भक्तों के लिए प्रेरणा का कारण बना है।

चारधाम यात्रा का सांस्कृतिक महत्व 

हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा में शामिल होते हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अपार है। इन धामों में पहुंचने के लिए कठिन पहाड़ी मार्गों को पार करने वाले श्रद्धालुओं का यह सफर धार्मिक आस्था का परिचायक है। वर्ष 2023 में अक्टूबर में यात्रा शुरू होने के बाद बड़ी संख्या में भक्त धामों में पहुंचे, और अब सर्दियों के आगमन के साथ यह चरण समाप्त हो रहा है।

चारधाम यात्रा का समापन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का हिस्सा है। श्रद्धालु अब शीतकालीन निवासों में भगवान के दर्शन कर सकेंगे, और वसंत ऋतु में मंदिरों के फिर से खुलने का इंतजार करेंगे। सर्दियों में इन धामों का बंद होना न केवल श्रद्धालुओं के लिए कठिन यात्रा से राहत है, बल्कि इन मंदिरों की देखभाल और संरक्षण की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।


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