गंगा को स्वच्छ रखने और महिला सशक्तिकरण के लिए बीएसएफ का ऐतिहासिक अभियान शुरू
के कुमार आहूजा 2024-11-03 07:41:17
उत्तराखंड के देवप्रयाग से भारत के इतिहास में पहली बार पूरी तरह महिला-नेतृत्व में चलाया जा रहा एक ऐतिहासिक अभियान शुरू हो चुका है। यह 53 दिनों तक चलने वाला गंगा सफाई अभियान बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) की महिला विंग और नमामि गंगे अभियान के सहयोग से आयोजित किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य गंगा की स्वच्छता बनाए रखना और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
अभियान का शुभारंभ और उद्देश्य
इस विशेष अभियान की शुरुआत बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल राजा बाबू सिंह द्वारा देवप्रयाग संगम से की गई। उन्होंने इस पहल को समाज में महिलाओं की भागीदारी और गंगा को स्वच्छ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अभियान में कुल 20 महिला जवान भाग ले रही हैं, जिन्होंने छह हफ्तों की कठिन राफ्टिंग ट्रेनिंग पूरी की है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को संजोए रखने के साथ-साथ लोगों को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना है।
महिला सशक्तिकरण पर जोर
अभियान की शुरुआत से पहले आयोजित एक समारोह में 11 बालिकाओं का सम्मान किया गया, जो इस पहल में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस अभियान में प्रमुख भूमिका निभाने वाली बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर प्रिया मीणा ने बताया कि यात्रा के दौरान वे 2,500 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी, जिसमें गंगा के किनारे स्थित 43 शहरों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को पर्यावरण संरक्षण के महत्व से अवगत कराया जाएगा।
अभियान के प्रमुख पड़ाव और समापन
अभियान हरिद्वार, प्रयागराज, वाराणसी और पटना जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर रुकेगा, जहां टीम स्थानीय लोगों के साथ विभिन्न सांस्कृतिक और जागरूकता कार्यक्रम करेगी। इस दौरान गंगा आरती, प्रभातफेरी, और स्वच्छता संबंधी जागरूकता सत्रों का आयोजन किया जाएगा। अभियान का समापन 24 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के गंगासागर में होगा। समापन के दौरान बीएसएफ के महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी द्वारा सभी प्रतिभागियों का सम्मान किया जाएगा।
महिलाओं की नई भूमिका की प्रशंसा
बीएसएफ ने इस अभियान में महिला जवानों की भागीदारी को गर्व का प्रतीक बताया और इसे महिला सशक्तिकरण का अनूठा उदाहरण माना है। इस यात्रा में बीएसएफ की टीम का नेतृत्व डिप्टी कमांडेंट मनोज सुंदरियाल कर रहे हैं, जो सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स की जिम्मेदारी संभालेंगे। इस पहल ने न केवल गंगा सफाई के प्रति जागरूकता फैलाने का काम किया है, बल्कि यह एक सशक्त और प्रेरणादायक संदेश भी दिया है कि महिलाएं किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
यह अभियान गंगा नदी की पवित्रता को बनाए रखने के साथ ही देश की महिलाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेंगी।