डॉ. बिबेक देबरॉय का निधन: भारत की अर्थव्यवस्था के एक स्तंभ का सफ़र समाप्त


के कुमार आहूजा  2024-11-02 18:15:47



 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के अध्यक्ष और प्रमुख अर्थशास्त्री डॉ. बिबेक देबरोय का 69 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन ने न केवल अर्थशास्त्र की दुनिया में, बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी है।

प्रधानमंत्री मोदी ने की श्रद्धांजलि अर्पित

डॉ. बिबेक देबरोय के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “डॉ. बिबेक देबरोय जी एक महान विद्वान थे, जो अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, आध्यात्मिकता और अन्य कई क्षेत्रों में दक्ष थे। उनके कार्यों ने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में उनके योगदान के अलावा, उन्होंने हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम किया, जिससे उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाया।”

बिबेक देबरोय का जीवन और कार्य

डॉ. बिबेक देबरोय भारतीय अर्थशास्त्र, लेखक और विद्वान थे, जिन्हें आर्थिक नीति और संस्कृत ग्रंथों में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उनका योगदान भारत की आर्थिक नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने विभिन्न विषयों पर, जैसे कि आर्थिक सुधार, शासन और भारतीय रेलवे पर, विस्तृत लेखन किया। उनके काम ने उन्हें न केवल आर्थिक नीति निर्माण में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बनाया, बल्कि उन्हें एक प्रभावशाली विद्वान भी बना दिया।

डॉ. देबरोय ने कई विषयों में विशेषज्ञता हासिल की, जिसमें मैक्रोइकोनॉमिक्स, सार्वजनिक वित्त और बुनियादी ढाँचे का विकास शामिल है। उनके द्वारा लिखित कई किताबें और लेख आज भी आर्थिक और सार्वजनिक नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण माने जाते हैं। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और संभावनाओं पर गहन विचार किए और कई सुझाव दिए जो आज भी प्रासंगिक हैं।

संस्कृत ग्रंथों में रुचि

अपने शैक्षिक करियर के दौरान, डॉ. देबरोय ने प्राचीन भारतीय ग्रंथों पर भी कार्य किया, जिससे उन्होंने भारतीय संस्कृति और दर्शन को नई पीढ़ी के लिए सुलभ बनाया। उनकी इस रुचि ने उन्हें न केवल एक अर्थशास्त्री, बल्कि एक संस्कृत विद्वान भी बना दिया।

समाज में उनके योगदान का महत्व

डॉ. बिबेक देबरोय का निधन भारत के लिए एक बड़ा नुकसान है। उन्होंने अपने कार्यों और विचारों के माध्यम से न केवल अर्थशास्त्र को समृद्ध किया, बल्कि उन्होंने भारत के सामाजिक और सांस्कृतिक विकास में भी योगदान दिया। उनके योगदान से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी, और उनकी विद्वता का प्रभाव आने वाले समय में भी बना रहेगा।

डॉ. बिबेक देबरोय का निधन एक अद्वितीय बुद्धिमान और अर्थशास्त्री का निधन है, जो अपने पीछे विचारों और कार्यों की एक अमिट छाप छोड़ गए हैं। उनके काम से न केवल अर्थशास्त्र की धारणा बदलने में मदद मिली, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और ज्ञान को भी आगे बढ़ाया।

उनके योगदान को याद किया जाएगा और उनके कार्यों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाया जाएगा। उनके निधन के साथ ही एक युग का अंत हो गया है, लेकिन उनके विचार और दृष्टिकोण हमेशा जीवित रहेंगे।


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