पूर्वी कमान का 104वां स्थापना दिवस: सेना की तत्परता का जश्न
के कुमार आहूजा 2024-11-02 18:07:21
भारतीय सेना की पूर्वी कमान ने शुक्रवार को कोलकाता के फोर्ट विलियम में अपना 104वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर, कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राम चंद्र तिवारी ने यह आश्वासन दिया कि सेना हर समय ऑपरेशनल रूप से तैयार है और वर्तमान एवं भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपनी क्षमताओं को लगातार विकसित कर रही है।
भक्ति का प्रतीक: विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि
सुबह के समय, चीफ ऑफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल आर.सी. श्रीकांत ने विजय स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया। इस कार्यक्रम में कई गतिविधियाँ आयोजित की गईं, जिनमें अधिकारियों और सैनिकों के बीच बातचीत भी शामिल थी।
इतिहास की एक झलक
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पूर्वी कमान की स्थापना 1 नवंबर 1920 को लखनऊ में हुई थी। तब इसका क्षेत्राधिकार दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा और असम तक फैला था। इसके बाद, कमान का मुख्यालय बाराकपुर, रांची और पुनः लखनऊ में स्थानांतरित हुआ। 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद, यह कमान स्थायी रूप से कोलकाता के फोर्ट विलियम में स्थापित हुई।
सर्वाधिक महत्वपूर्ण कमान
लेफ्टिनेंट जनरल तिवारी ने कहा कि पूर्वी कमान भारतीय सेना की सबसे बड़ी ऑपरेशनल कमान है, जिसका क्षेत्राधिकार आठ राज्यों में फैला हुआ है। यह 8,350 किलोमीटर के भू-सीमा की निगरानी करती है, जो पांच पड़ोसी देशों के साथ है। पूर्वी कमान ने भारत के सभी युद्धों में सक्रिय भाग लिया है, लेकिन 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध इसका सबसे प्रमुख क्षण था, जिसने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम को जन्म दिया।
शांति के प्रहरी: नागरिक जीवन में परिवर्तन
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस कमान को सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। कमान के अधिकारी हिमालय की ऊंचाई वाले पहाड़ों से लेकर गरम वृष्टि वाले वन क्षेत्रों तक, विभिन्न प्रकार की भौगोलिक स्थितियों में कार्यरत हैं।
पूर्वी कमान ने Operation Sadbhavana और Operation Samaritan जैसे पहलों के माध्यम से नागरिकों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। अधिकारी और सैनिक न केवल आपदाओं के दौरान राहत प्रदान करते हैं, बल्कि स्थानीय जनसंख्या के साथ नियमित रूप से बातचीत करते हैं, जिसमें चिकित्सा शिविर भी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, स्थानीय युवाओं को सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए या इंजीनियरिंग और चिकित्सा जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
पूर्वी कमान का स्थापना दिवस न केवल सेना की शक्ति और तत्परता का प्रतीक है, बल्कि यह नागरिकों के साथ उसकी मजबूत संबंधों की भी पुष्टि करता है। इस प्रकार, भारतीय सेना न केवल सुरक्षा की रक्षा करती है, बल्कि स्थानीय समुदायों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।