पुष्कर मेले का भव्य आगाज: जानें इस साल के विशेष आकर्षण
के कुमार आहूजा 2024-11-02 15:31:34
अजमेर के पुष्कर में हर साल आयोजित होने वाला पुष्कर पशु मेला इस बार 2 नवंबर से शुरू हो रहा है, जो देसी और विदेशी पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण होगा। पुष्कर का यह मेला भारत का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है, जहाँ देशभर के पशु मालिक अपने ऊंट, घोड़े और अन्य पशु लेकर आते हैं। यहां पर्यटकों के मनोरंजन के लिए पशु प्रतियोगिताओं और रंगारंग सांस्कृतिक आयोजनों का आयोजन किया जाएगा, जो स्थानीय और विदेशी संस्कृति का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करेगा।
पशु प्रतियोगिताओं की धूम
हर साल की तरह इस वर्ष भी ऊंट नृत्य, घोड़ा नृत्य और ऊंट-सजाओ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। इस मेले का सबसे बड़ा आकर्षण ऊंट दौड़ और घोड़ा नृत्य जैसे प्रतियोगिताएं होती हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक मेले में पहुंचते हैं। मेला मैदान में प्रतियोगिताओं के साथ-साथ विविध स्टाल्स पर स्थानीय हस्तशिल्प, कपड़े और गहने भी मिलेंगे, जो मेले को एक परंपरागत बाजार का रूप देते हैं।
धार्मिक यात्रा का आयोजन
पुष्कर मेले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा आध्यात्मिक यात्रा है, जो 12 नवंबर को आयोजित की जाएगी। यह यात्रा गायत्री शक्ति पीठ से शुरू होकर पशु मेला मैदान में समाप्त होगी। यात्रा में विभिन्न धार्मिक संस्थाओं जैसे ब्रह्मा कुमारी और गरीब नवाज दरगाह के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस यात्रा को पुष्कर मेले के शुभारंभ का प्रतीक माना जाता है, और स्थानीय लोगों व पर्यटकों के लिए यह धार्मिक यात्रा अत्यंत आकर्षण का केंद्र होती है।
रंग-बिरंगी झांकियों का प्रदर्शन
यात्रा के दौरान विभिन्न झांकियों का प्रदर्शन भी किया जाएगा। उपखंड अधिकारी गौरव कुमार मितल के अनुसार, यह झांकियां स्थानीय संगठनों और सामाजिक संस्थाओं के समन्वय से आयोजित की जाएंगी। इस भव्य यात्रा में भागीदारी के लिए आमजन और ट्रस्टों से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं, जिससे यात्रा का हर क्षण सभी धर्मों के प्रतिनिधियों की सहभागिता से संजोया जा सके।
पुष्कर सरोवर में स्नान और आध्यात्मिक अनुष्ठान
मेले के समापन से पहले, कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पुष्कर सरोवर में स्नान किया जाता है। इस दिन हजारों श्रद्धालु सरोवर के पवित्र जल में स्नान करते हैं, जिससे उनके पापों का क्षालन और मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है। स्नान के साथ साथ विशेष पूजा अनुष्ठानों का आयोजन किया जाएगा, जो मेले के धार्मिक पक्ष को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।
मेले में विदेशी पर्यटकों की भारी भीड़
पुष्कर मेला न केवल भारतीय संस्कृति को अनुभव करने का अवसर देता है, बल्कि विदेशी पर्यटकों के लिए भी यह एक अद्वितीय अनुभव होता है। स्थानीय लोग, रंग-बिरंगी पोशाकें, ऊंटों की सजावट, और राजस्थान का लोक संगीत व नृत्य यहाँ के माहौल को जीवंत बनाते हैं। हर साल हजारों विदेशी पर्यटक इस मेले में भाग लेने आते हैं और भारतीय संस्कृति की इस अनूठी झलक को अपने कैमरों में कैद करते हैं।
इस प्रकार, इस वर्ष पुष्कर पशु मेला एक बार फिर से स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों को भारतीय परंपरा, संस्कृति और धार्मिकता का अनुपम अनुभव प्रदान करेगा।