वीडियो वायरल: संविदा कर्मचारी ने यूट्यूब देखकर किया ECG, जोधपुर पावटा सेटेलाइट अस्पताल में लापरवाही का मामला


के कुमार आहूजा  2024-11-02 15:29:15



 

जोधपुर से हैरान करने वाली खबर सामने आई है कि दीपावली के मौके पर पावटा सेटेलाइट अस्पताल में एक संविदा कर्मचारी ने यूट्यूब से वीडियो देखकर मरीज का ECG किया। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे अस्पताल प्रशासन और मेडिकल कॉलेज में खलबली मच गई है। इस वीडियो के सामने आने के बाद मरीज के परिजनों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल के कर्मचारियों की योग्यता और सेवाओं पर सवाल खड़े किए हैं।

अस्पताल में स्टाफ की कमी बनी समस्या

घटना के संबंध में जानकारी के अनुसार, दीपावली के अवसर पर अस्पताल में स्टाफ की कमी थी। यही वजह थी कि ECG जैसे संवेदनशील कार्य को एक संविदा कर्मचारी के हवाले कर दिया गया। मरीज के परिजनों ने देखा कि वह कर्मचारी यूट्यूब पर वीडियो देखकर ECG करने का प्रयास कर रहा था। इस पर उन्होंने तुरंत इसका विरोध किया और कहा कि यह तरीका मरीज की जान के लिए खतरा बन सकता है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से फैलने के बाद मामला तूल पकड़ गया।

वीडियो में क्या दिखा?

वीडियो में स्पष्ट दिखाई देता है कि संविदा कर्मचारी को इलेक्ट्रोड लगाने का सही स्थान नहीं पता था। वह अपने मोबाइल फोन पर यूट्यूब से एक वीडियो देखकर मरीज का ECG करने का प्रयास करता दिखाई दिया। परिजनों ने इस दौरान उसे बार-बार चेतावनी दी कि बिना प्रशिक्षित होने के इस तरह की प्रक्रिया करना असुरक्षित है। इसके बावजूद कर्मचारी ने बिना अनुभव के ही यह प्रक्रिया जारी रखी, जिससे परिजन काफी परेशान और आक्रोशित हुए।

परिजनों ने जताया गुस्सा

वीडियो में परिजन कर्मचारी से यह सवाल करते दिखते हैं कि जब उसे ECG करना नहीं आता तो वह यह काम क्यों कर रहा है। उन्होंने इस प्रक्रिया को रोकने की कोशिश की और कहा कि किसी प्रशिक्षित कर्मचारी के बिना यह काम नहीं होना चाहिए। कर्मचारी ने स्वयं माना कि यह उसका पहला प्रयास है, और उसने यह भी बताया कि वह लैब टेक्नीशियन नहीं है, बल्कि एक संविदा कर्मचारी है।

अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद जोधपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रशासन ने तुरंत जांच के आदेश दिए हैं। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस तरह की लापरवाही गंभीर है और इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा है कि वे पूरे मामले की गहन जांच करेंगे और दोषी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

स्वास्थ्य सेवाओं पर उठे सवाल

इस घटना ने सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की कमी और लापरवाही जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर किया है। मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। अब जांच के बाद ही इस बात का पता चल पाएगा कि इस संविदा कर्मचारी को इस जिम्मेदारी के लिए कैसे नियुक्त किया गया, और ऐसे संवेदनशील कार्य में किसी प्रशिक्षित स्टाफ की गैरमौजूदगी क्यों थी।

इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग और सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों की गुणवत्ता और पेशेवर प्रशिक्षण की कमी पर गंभीर चर्चा का विषय खड़ा कर दिया है।


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