पुरी के जगन्नाथ मंदिर में गोपनीय सुरंगों का भ्रम: एएसआई सर्वे से आई नई जानकारी
के कुमार आहूजा 2024-11-02 11:24:52
पुरी का जगन्नाथ मंदिर, जो अपने भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, हाल ही में चर्चाओं का विषय बना जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मंदिर के रत्न भंडार का ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे किया। क्या इस सर्वे में गोपनीय सुरंगें या कक्ष पाए गए? चलिए जानते हैं इस महत्वपूर्ण सर्वे के नतीजों के बारे में।
जीपीआर सर्वे के निष्कर्ष:
ओडिशा के कानून, निर्माण और आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एएसआई द्वारा किए गए जीपीआर सर्वे के प्रारंभिक परिणामों से स्पष्ट हुआ है कि जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार में कोई गोपनीय सुरंग या कक्ष नहीं है। उन्होंने कहा, "कोई गोपनीय रास्ता नहीं मिला।" हालांकि, सर्वेक्षण के दौरान मंदिर के खजाने में दरारें पाई गई हैं, जिन्हें मरम्मत की आवश्यकता है।
खजाने की स्थिति:
मंदिर प्रशासन ने पिछले कुछ समय से खजाने में छिपे मूल्यवान वस्तुओं और गहनों की अटकलों के बीच जीपीआर सर्वे की मांग की थी। मंत्री हरिचंदन ने जानकारी दी कि भगवान जगन्नाथ के गहनों और कीमती सामान की सूची तब बनाई जाएगी, जब एएसआई रत्न भंडार की मरम्मत पूरी कर लेगी। उन्होंने बताया कि "अभी मरम्मत करना संभव नहीं है, क्योंकि श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है और यह कार्तिक का पवित्र महीना है।"
मरम्मत का कार्य:
हरिचंदन ने यह भी स्पष्ट किया कि मरम्मत का कार्य एक महीने से अधिक समय ले सकता है। एएसआई कार्तिक पूर्णिमा के बाद दरारों को ठीक करने का कार्यक्रम बनाएगी। मंत्री ने कहा, "एक बार मरम्मत पूरी हो जाने के बाद खजाने में कीमती सामान की सूची बनाई जाएगी।" यह स्थिति मंदिर के भक्तों और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे खजाने की सुरक्षा और देखभाल सुनिश्चित होगी।
इस सर्वे के नतीजे उन सभी भक्तों के लिए एक राहत की खबर हैं, जो अटकलों में थे कि कहीं मंदिर के खजाने में छिपी कोई गोपनीय सुरंग तो नहीं है। जगन्नाथ मंदिर की भव्यता और महत्व को देखते हुए, यह जरूरी है कि खजाने की सही स्थिति का आकलन किया जाए और उसे सुरक्षित रखा जाए।