आरजी कर मेडिकल कॉलेज में दुष्कर्म और हत्या: जूनियर डॉक्टरों का आंदोलन फिर से शुरू होने को तैयार
के कुमार आहूजा 2024-11-02 10:01:07
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। जब सीबीआई जांच की गति संतोषजनक नहीं है, तो अब जूनियर डॉक्टर एक बार फिर से प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। क्या यह आंदोलन न्याय की ओर एक नया कदम होगा?
मामले का विवरण:
नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर का शव मिला था। इस घटना के बाद पता चला कि डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ था। यह मामला कोलकाता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद सीबीआई को इसकी जांच सौंप दी गई। 10 अगस्त को, कलकत्ता पुलिस ने संजय रॉय को गिरफ्तार किया, और इस गिरफ्तारी के बाद से ही जूनियर डॉक्टरों ने प्रदर्शन शुरू किया था।
जूनियर डॉक्टरों की चिंता:
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम के प्रवक्ता देबाशीष हलदर ने कहा कि अभी तक केवल एक आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है। उनका कहना है कि सीबीआई की जांच में अन्य संभावित आरोपियों की भूमिका स्पष्ट नहीं की गई है। हलदर ने कहा, "क्या पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित अन्य गिरफ्तार व्यक्तियों की भूमिका की पूरी जांच की गई है?"
आंदोलन की योजना:
फोरम ने 9 नवंबर को कोलकाता में कॉलेज स्क्वायर से एस्प्लेनेड तक एक रैली निकालने का ऐलान किया है। इस दौरान राज्य के विभिन्न हिस्सों में भी रैलियां आयोजित की जाएंगी। इसके साथ ही, उन्होंने चार नवंबर को बंगाल के हर इलाके में दीप जलाने का आह्वान किया है। यह कदम उनके संघर्ष और न्याय के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने जूनियर डॉक्टरों के आंदोलनों पर प्रतिक्रिया दी है। वरिष्ठ टीएमसी सांसद कल्याण बंदोपाध्याय ने कहा कि ऐसा लगता है कि आंदोलन को सीपीआई (एम) ने हाईजैक कर लिया है। उन्होंने कहा, "आरजी कर घटना की जांच सीबीआई कर रही है और मामला अदालत में विचाराधीन है। आम आदमी को असुविधा पहुंचाने वाले कार्यक्रम बनाने का क्या मतलब है?"
जूनियर डॉक्टरों का यह आंदोलन न केवल न्याय के लिए है, बल्कि यह चिकित्सा समुदाय की एकता और उनकी सुरक्षा के प्रति भी एक मजबूत संदेश है। क्या यह आंदोलन न्याय दिलाने में सफल होगा? यह सवाल अब पूरे देश की निगाहों में है।