विवेक रामास्वामी का कचरा ट्रक अभियान: बाइडन के अपमान का जवाब
के कुमार आहूजा 2024-11-02 07:59:48
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने हाल ही में चार्लोट में एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कचरे के ट्रक की सवारी करके एक अनूठा प्रदर्शन किया। यह घटना उस दिन हुई जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रैली में कॉमेडियन टोनी हिनच्क्लिफ द्वारा किए गए अपमानजनक बयान पर प्रतिक्रिया दी थी।
बाइडन का विवादास्पद बयान
बाइडन ने ट्रंप की रैली में हिनच्क्लिफ के “Puerto Rico और Latinos” के बारे में अपमानजनक टिप्पणी पर कहा था कि यह एक “वास्तव में गंदा” बयान था। इस टिप्पणी ने न केवल राजनीतिक हलकों में हंगामा मचाया, बल्कि इसे विभाजनकारी भी माना गया। रामास्वामी ने इस अपमान को सकारात्मक तरीके से बदलने का प्रयास करते हुए कचरे के ट्रक में सवारी की, एक ऐसा कदम जो ट्रंप की शैली की याद दिलाता है।
रामास्वामी का अनूठा प्रदर्शन
रामास्वामी ने कचरा ट्रक की सवारी करते हुए एक पीले वेस्ट में चार्लोट के प्रचार कार्यक्रम में पहुंचकर इस विवादास्पद टिप्पणी का विरोध किया। उन्होंने कहा, “मैंने सोचा कि हम राष्ट्रपति बाइडन की इस ‘गंदगी’ से एक सकारात्मक क्षण बना सकते हैं।” उनका यह कदम उनके और ट्रंप के बीच की राजनीतिक समरस्ता को दर्शाता है, जो पहले प्रतिस्पर्धी थे, लेकिन अब एक ही उद्देश्य के लिए साथ आ रहे हैं।
राजनीतिक समर्थन का इजहार
रामास्वामी ने ट्रंप के लिए अपनी निष्ठा को बार-बार दर्शाया है, और हाल के दिनों में उन्होंने ट्रंप की पुनः चुनावी मुहिम में सक्रिय समर्थन किया है। इस घटना ने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ एक स्वतंत्र उम्मीदवार नहीं हैं, बल्कि वे ट्रंप के साथ खड़े होकर अपने राजनीतिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ा रहे हैं।
सामाजिक प्रतिक्रिया
इस अनोखे प्रदर्शन पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया रही। कुछ ने इसे रामास्वामी की रचनात्मकता और साहस के रूप में देखा, जबकि दूसरों ने इसे केवल एक प्रचार स्टंट माना। इसके बावजूद, उन्होंने अपने समर्थकों और ट्रंप के प्रशंसकों के बीच उत्साह जगाने में सफलता हासिल की।
विवेक रामास्वामी का कचरे के ट्रक में यात्रा करना केवल एक राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह एक संकेत है कि वह ट्रंप के दृष्टिकोण को अपनाने और अपनी आवाज को मजबूत करने के लिए तत्पर हैं। यह घटना अमेरिका के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया मोड़ प्रस्तुत करती है, जहां पूर्व राष्ट्रपति के समर्थन में आवाज उठाने वाले युवा नेता भी सामने आ रहे हैं।
रामास्वामी की इस अनोखी रणनीति ने राजनीतिक चर्चाओं में उन्हें एक नया स्थान दिलाया है और दिखाया है कि कैसे वे एक चुनौतीपूर्ण समय में भी अपनी पहचान बना सकते हैं।