दिल्ली पुलिस अधिकारी बनकर लाखों की ठगी, राजस्थान पुलिस ने की महिला की गिरफ्तारी
के कुमार आहूजा 2024-10-31 20:16:27
तीन साल तक खुद को दिल्ली पुलिस की सब-इंस्पेक्टर बताकर लोगों को सरकारी नौकरी का झांसा देने वाली महिला को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह चौंकाने वाला मामला राजस्थान के चुरु जिले का है, जहां अनजाने लोगों से लाखों रुपये ऐंठे गए।
विस्तृत रिपोर्ट:
राजस्थान पुलिस ने मंगलवार को 24 वर्षीय अंजू शर्मा को गिरफ्तार किया, जिसने दिल्ली पुलिस अधिकारी के रूप में तीन वर्षों से नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी का जाल बिछा रखा था। चुरु जिले की सहवा पुलिस द्वारा की गई जांच में खुलासा हुआ कि अंजू ने खुद को सब-इंस्पेक्टर बताकर दिल्ली, जयपुर, हरियाणा और अन्य इलाकों में बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाया और सरकारी नौकरी का वादा करके भारी रकम वसूली।
अंजू ने नकली पुलिस पहचान पत्र का इस्तेमाल करके न केवल आम नागरिकों को ठगा, बल्कि खुद के वीआईपी प्रवेश, पार्किंग और मंदिर जैसी सुविधाएं भी प्राप्त की। उसके फोन में पुलिस वर्दी में फोटो और वीडियो पाए गए, जिससे पता चलता है कि वह समाज में एक सम्मानित अधिकारी के रूप में पेश कर लोगों को धोखा देती रही।
पीड़ितों के बयान:
इस फर्जीवाड़े की शिकार कई पीड़ितों ने अपने बयान दिए हैं। बानेरा निवासी अर्जुन लाल ने बताया कि उसने पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी पाने की लालच में अंजू को करीब 12.93 लाख रुपये दे दिए थे। अर्जुन के अनुसार, अंजू ने उसे नौकरी दिलाने का पक्का भरोसा दिलाया था, लेकिन अंततः यह सब झूठ निकला।
धोखाधड़ी का खुलासा और जांच:
सहवा पुलिस की एसएचओ अलका विश्नोई ने जानकारी दी कि अंजू शर्मा तीन बार दसवीं की परीक्षा में असफल रही थी, लेकिन अपने झूठे दर्जे का उपयोग कर उसने ना केवल पीड़ितों से पैसे ऐंठे, बल्कि अपने परिवार और दोस्तों को भी पुलिस अधिकारी होने का झांसा दिया। इसके चलते उसने एक आलीशान जीवनशैली को बनाए रखा, जिसमें पिछले साल हरियाणा में एक भव्य विवाह भी शामिल है। अंजू की गिरफ्तारी राजस्थान पुलिस के "वांछित अपराधियों" के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा थी, और पुलिस को उससे जुड़े कई शिकायतें प्राप्त हुई हैं।
आगे की कार्रवाई:
राजस्थान पुलिस अंजू शर्मा की धोखाधड़ी के इस नेटवर्क के बारे में अधिक जानकारी जुटा रही है और अन्य पीड़ितों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। पुलिस का कहना है कि अंजू का मामला युवाओं के बीच नौकरी दिलाने के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का एक गंभीर उदाहरण है और वे जल्द ही उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।
इस घटना से उन बेरोजगार युवाओं को भी सबक लेना चाहिए, जो नौकरी पाने की जल्दी में बिना जांच-पड़ताल किए किसी भी व्यक्ति के बहकावे में आ जाते हैं।