भारतीय सेना ने शहीद कुत्ते फैंटम को श्रद्धांजलि अर्पित की: वीरता और बलिदान की एक कहानी


  2024-10-31 17:06:46



 

जब कोई जानवर अपने मालिक के लिए जान की बाजी लगाता है, तो उसकी वीरता और बलिदान हमेशा याद रखा जाता है। इसी भावना के साथ, भारतीय सेना ने एक चार साल के कुत्ते 'फैंटम' को श्रद्धांजलि दी, जिसने आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में अपने प्राणों की आहुति दी। यह कहानी न केवल फैंटम की बहादुरी को उजागर करती है, बल्कि हमारे सैनिकों और उनके साथियों के प्रति हमारी जिम्मेदारियों को भी दर्शाती है।

विस्तृत रिपोर्ट:

भारतीय सेना ने बुधवार को जम्मू में एक भावपूर्ण समारोह में अपने चार साल के आर्मी डॉग 'फैंटम' को श्रद्धांजलि दी। इस समारोह का आयोजन यूधंपुर स्थित एडी ब्रिगेड द्वारा किया गया, जिसमें सेना के कई वरिष्ठ अधिकारी और जवान शामिल हुए। 'फैंटम', जो एक बेल्जियन मालिनोइस कुत्ता है, सोमवार को जम्मू के अखनूर सेक्टर में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गया था।

यह ऑपरेशन उस समय शुरू हुआ जब आतंकवादियों ने अखनूर के बैटल क्षेत्र में एक सेना के काफिले पर अचानक हमला किया। फैंटम ने जंगली इलाके में आतंकवादियों का पीछा करते हुए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जैसे-जैसे ऑपरेशन आगे बढ़ा, कुत्ते ने छिपे हुए विस्फोटकों का पता लगाया और सैनिकों को सुरक्षित मार्गों की पहचान करने में मदद की। लेकिन दुर्भाग्यवश, एक नजदीकी मुठभेड़ के दौरान, फैंटम ने सैनिकों की रक्षा करते हुए गंभीर चोटें प्राप्त कीं और उनकी शहादत हो गई।

फैंटम का जन्म मई 2020 में हुआ था और उसे अगस्त 2022 में क्षेत्र में तैनात किया गया था। उसने कई महत्वपूर्ण मिशनों का हिस्सा बनकर अपनी सेवा दी थी। समारोह के दौरान, सेना के अधिकारियों ने फैंटम की शहादत को न केवल उसकी बहादुरी के लिए, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और शांति की रक्षा के लिए उसकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए भी सराहा।

अधिकारी ने कहा, "फैंटम की बहादुरी ने कई जिंदगियों को बचाया और ऑपरेशन की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।"

इस ऑपरेशन में तीन आतंकवादियों को सफलतापूर्वक ढेर कर दिया गया। यह कार्रवाई आधुनिक तकनीक के समर्थन से की गई थी, जिसमें ड्रोन और रात की निगरानी उपकरण शामिल थे, जिससे सेना ने आतंकवादी खतरे को समाप्त कर दिया और किसी भी सैनिक के हताहत होने की स्थिति से बचा लिया।

यह घटना न केवल फैंटम की बहादुरी को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि हमारे सैनिक और उनके साथी, चाहे वे मानव हों या जानवर, हमारे देश की सुरक्षा के लिए किस हद तक जाते हैं।

इस प्रकार, फैंटम की कहानी एक प्रेरणा है, जो हमें याद दिलाती है कि साहस और बलिदान कभी बेकार नहीं जाते।


global news ADglobal news ADglobal news AD