चार दिन तक बेटे की लाश के साथ रहे बुजुर्ग माता-पिता, हैदराबाद के ब्लाइंड्स कॉलोनी में घटना 


  2024-10-31 14:06:54



 

 

हैदराबाद में एक दर्दनाक और अजीबोगरीब घटना सामने आई, जब एक बुजुर्ग दंपति चार दिनों तक अपने मृत बेटे के साथ एक ही घर में रह रहे थे, उन्हें पता ही नहीं चला कि उनका बेटा इस दुनिया में नहीं रहा। उनकी यह पीड़ा तब उजागर हुई जब पड़ोसियों ने उनके घर से बदबू आने पर पुलिस को सूचना दी।

 

यह घटना हैदराबाद के नागोल इलाके की है, जहां 'ब्लाइंड्स कॉलोनी' नामक एक कॉलोनी में रहने वाले 60 से अधिक उम्र के बुजुर्ग दंपति कवलूवा रमणा और उनकी पत्नी शांतिकुमारी को अंदाजा ही नहीं हुआ कि उनका 30 वर्षीय बेटा प्रमोद अब इस दुनिया में नहीं रहा। दोनों ही बुजुर्ग माता-पिता नेत्रहीन हैं और बेटे प्रमोद के ऊपर निर्भर थे। घटना तब सामने आई जब आसपास के लोगों को उनके घर से दुर्गंध आई, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को इस बारे में सूचित किया।

 

घटना की पृष्ठभूमि

प्रमोद, जो कि शराब का आदी था और जिसके कारण उसकी पत्नी उसे छोड़ कर चली गई थी, अपने माता-पिता के साथ रह रहा था। प्रमोद की पत्नी अपने दोनों बच्चों को भी अपने साथ लेकर चली गई थी। प्रमोद के लिए अपने बूढ़े और नेत्रहीन माता-पिता की देखभाल करना उसकी जिम्मेदारी थी, परन्तु अपने शराब के आदी होने के कारण वह ठीक से उनका ध्यान नहीं रख पा रहा था। स्थानीय न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, रमणा एक सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी थे और वह व उनकी पत्नी अपने बेटे प्रमोद के माध्यम से ही भोजन और पानी प्राप्त करते थे।

 

घटना का विवरण

स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारी, नागोल पुलिस स्टेशन के स्टेशन हेड ऑफिसर सूर्य नायक ने मीडिया को बताया कि जब से प्रमोद की मौत हुई, तब से माता-पिता ने उसे कई बार आवाज़ लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। दोनों की आवाजें बहुत धीमी थीं, जिस कारण उनके पड़ोसियों ने भी उन्हें नहीं सुना। उन्हें लगा कि उनका बेटा कहीं बाहर गया हुआ होगा। लेकिन बदबू बढ़ने पर आस-पास के लोगों को शक हुआ, और उन्होंने पुलिस को बुला लिया।

 

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब वे घर पहुंचे तो दोनों माता-पिता अर्धचेतन अवस्था में थे। उन्हें तुरंत बाहर निकाला गया और पानी व भोजन उपलब्ध कराया गया। शुरुआती जांच के अनुसार, प्रमोद की मौत चार से पाँच दिन पहले नींद में हुई थी।

 

प्रमोद का अंतिम संस्कार और माता-पिता की देखभाल

घटना के बाद, पुलिस ने प्रमोद के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं, रमणा और शांतिकुमारी के बड़े बेटे प्रदीप, जो शहर के एक अन्य हिस्से में रहते हैं, को सूचना दी गई। उन्होंने अपने माता-पिता की देखभाल का जिम्मा लिया और उन्हें अपने साथ ले गए।

 

पुलिस की प्रतिक्रिया

पुलिस द्वारा मामले की आगे की जांच जारी है और इस घटना के कारणों पर भी विचार किया जा रहा है। स्टेशन अधिकारी नायक ने कहा कि इस घटना ने समाज में बुजुर्गों और दिव्यांग व्यक्तियों की देखभाल पर एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है।


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