महाराष्ट्र चुनाव: बीजेपी 148 सीटों पर, कांग्रेस 103 सीटों पर आजमाएगी किस्मत
के कुमार आहूजा 2024-10-31 08:03:39
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सियासी हलचलें तेज़ हो चुकी हैं। बीजेपी और कांग्रेस समेत राज्य की सभी प्रमुख पार्टियां इस बार मैदान में कमर कसकर उतरी हैं। जानें, कौन कितनी सीटों पर लड़ रहा है और कैसे इस चुनाव में राजनीतिक समीकरण बनने जा रहे हैं।
विस्तृत रिपोर्ट:
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस बार कुल 288 सीटों के लिए कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्य में सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी ने 148 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं, जो कि सभी प्रमुख दलों में सबसे अधिक है। कांग्रेस ने 103 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जो कि महाविकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बीजेपी और महायुति का समीकरण
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 80 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं, जबकि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 53 सीटों पर मैदान में उतरी है। महायुति गठबंधन में पांच सीटें अन्य सहयोगी दलों को दी गई हैं, जबकि दो सीटों पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस रणनीतिक सीट-वितरण से महायुति की चुनावी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है।
महाविकास अघाड़ी (MVA) की तैयारी
विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) के गठबंधन के तहत कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), और एनसीपी के शरद पवार गुट ने सीटें बांटकर राज्य की 288 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। एमवीए की कोशिश इस बार बीजेपी और महायुति के मजबूत किले को चुनौती देने की है। MVA के नेता राज्य में बदलाव और विकास का नया मॉडल पेश करने का दावा कर रहे हैं, जिससे जनता का ध्यान आकर्षित हो सके।
नामांकन प्रक्रिया पूरी
चुनाव आयोग के अनुसार, 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है। लगभग 8,000 प्रत्याशियों ने इस चुनाव में हिस्सा लेने के लिए अपने नामांकन भरे हैं। इसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के साथ ही कई निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं।
चुनावी समीकरण और भविष्य की रणनीति
चुनाव से पहले सभी दल राज्य में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए जगह-जगह प्रचार कर रहे हैं। बीजेपी और महायुति सरकार की विकास योजनाओं को प्रमुखता से उठाकर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और MVA गठबंधन अपनी जन कल्याण योजनाओं और बीजेपी सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। दोनों ही पक्ष इस चुनाव में अपनी-अपनी रणनीति के साथ जनता का समर्थन पाने की कोशिश में हैं।