नीलेश्वरम मंदिर हादसा: कालीअट्टम उत्सव के दौरान आतिशबाजी विस्फोट में 150 से अधिक घायल


के कुमार आहूजा  2024-10-30 16:09:57



 

केरल के नीलेश्वरम स्थित अंजूटम्बलम वीरकवु मंदिर के कालीअट्टम महोत्सव के दौरान रात को एक भीषण आतिशबाजी विस्फोट ने त्योहार की खुशी को मातम में बदल दिया। हजारों भक्तों की भीड़ के बीच आतिशबाजी के विस्फोट से चारों ओर अफरा-तफरी मच गई, जिसमें 150 से अधिक लोग घायल हो गए और कई गंभीर रूप से झुलस गए।

विस्तृत रिपोर्ट:

नीलेश्वरम मंदिर में हर साल आयोजित होने वाला कालीअट्टम उत्सव एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जिसमें इस बार भारी भीड़ उमड़ी थी। रात करीब 12 बजे आतिशबाजी के दौरान एक चिंगारी पास के पटाखों के गोदाम में जा गिरी, जिससे आग लग गई और एक के बाद एक पटाखे फटने लगे। इस धमाके ने पूरे मंदिर परिसर को हिलाकर रख दिया, जिससे श्रद्धालुओं में दहशत फैल गई। इस भयंकर हादसे में 150 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें से 8 की हालत गंभीर बताई जा रही है।

प्रशासन की कार्यवाही

हादसे के तुरंत बाद, केरल पुलिस, डॉग स्क्वॉड, बम निरोधक दस्ते (बीडीएस), और फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की। सबूत एकत्र किए गए ताकि विस्फोट के असली कारण का पता लगाया जा सके। जिला कलेक्टर के. इनबसेकर ने मीडिया को बताया कि मंदिर प्रशासन के पास आतिशबाजी के लिए कोई आधिकारिक अनुमति नहीं थी, इसके बावजूद पटाखे जलाए गए, जिसके कारण यह त्रासदी हुई। पुलिस ने मंदिर समिति के अध्यक्ष और सचिव को हिरासत में लिया है और उन पर मामला दर्ज किया है।

घायलों की हालत

हादसे के बाद घायल श्रद्धालुओं को कसारगोड, कन्नूर और मंगलूरु के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, गंभीर रूप से घायल कुछ व्यक्तियों का इलाज गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में हो रहा है। केरल के मुख्यमंत्री ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और घायलों के समुचित इलाज का आश्वासन दिया है।

पुलिस जुटा रही साक्ष्य:

फिलहाल केरल पुलिस, डॉग स्क्वायड, बीडीएस (बम निरोधक दस्ता) और एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) के अधिकारी कासरगोड में घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र कर रहे हैं।

इस हादसे के बाद उठते सवाल

नीलेश्वरम हादसा एक गंभीर प्रश्न उठाता है कि क्यों कुछ मंदिर प्रशासन उत्सवों के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करते। केरल में आतिशबाजी के ऐसे आयोजनों को लेकर पहले भी हादसे हो चुके हैं, और सुरक्षा मानकों के अभाव के चलते कई लोगों की जानें जा चुकी हैं। जिला प्रशासन और राज्य सरकार ने ऐसे कार्यक्रमों में सख्ती से सुरक्षा नियमों के पालन का आग्रह किया है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

बहरहाल, केरल के नीलेश्वरम मंदिर का यह हादसा एक बड़ी सीख है कि धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कितनी महंगी पड़ सकती है। इस घटना से सरकार और जनता दोनों को ही सतर्क होकर ऐसे कार्यक्रमों की योजना बनानी होगी, ताकि भक्त सुरक्षित रहें और त्योहारों की खुशी में कोई बाधा न आए।


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