लोकसभा चुनाव और IPL में अवैध सट्टेबाजी का पर्दाफाश, ED की छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति जब्त
के कुमार आहूजा 2024-10-30 09:29:29
हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक ऑनलाइन सट्टेबाजी रैकेट का खुलासा किया, जो लोकसभा चुनाव 2024 और IPL मैचों पर अवैध सट्टेबाजी में लिप्त था। इस छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति जब्त हुई और यह मामला हर स्तर पर अवैध धन-लाभ और विदेशी संलिप्तता को उजागर करता है।
विस्तृत रिपोर्ट:
मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में कुछ ठिकानों पर छापेमारी की, जहाँ से फेयरप्ले नामक वेबसाइट के माध्यम से संचालित अवैध सट्टेबाजी का नेटवर्क पाया गया। इस ऑपरेशन में लगभग 4 करोड़ रुपये की नगदी, बैंक डिपॉजिट, चांदी की बार्स और कई "अपराधी" दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए। माना जा रहा है कि यह वेबसाइट सिर्फ सट्टेबाजी ही नहीं, बल्कि IPL क्रिकेट मैचों का अवैध प्रसारण भी कर रही थी, जिससे Viacom18 जैसे अधिकारिक प्रसारणकर्ताओं को लगभग 100 करोड़ का नुकसान हुआ है।
मामले की तह में जाने पर ED ने पाया कि वेबसाइट का संचालन दुबई से किया जा रहा था, और इसका मुख्य संचालक कृष्ण लक्ष्मीचंद शाह बताया गया है। इस वेबसाइट को कई विदेशी कंपनियों जैसे Play Ventures N.V और Dutch Antilles Management N.V, जो कि क्युरासाओ और माल्टा जैसे देशों में पंजीकृत हैं, से चलाया जा रहा था। यह नेटवर्क धोखाधड़ी और पैसे की अवैध धुलाई में संलिप्त पाया गया है।
मुंबई पुलिस की साइबर सेल द्वारा पहले दर्ज एक एफआईआर के आधार पर ED ने यह कार्रवाई की थी। इस शिकायत में Viacom18 Media Pvt Limited ने दावा किया कि Fairplay Sport LLC और अन्य कुछ संगठनों ने IPL मैचों के अधिकारिक प्रसारण के उल्लंघन से उन्हें नुकसान पहुंचाया। अब तक हुई जांच से स्पष्ट हुआ है कि Fairplay अवैध गतिविधियों के माध्यम से हाई-प्रोफाइल संपत्ति और कीमती संपत्तियों का अधिग्रहण करने में लगा हुआ था, जिसका मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है।
जून से अब तक, ED ने इस मामले में कई बार छापेमारी की है, जिसमें करीब 117 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है। यह कार्रवाई इस संदर्भ में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है कि Fairplay के अंतर्गत सट्टेबाजी और अवैध गतिविधियों का जाल पूरे देश में फैला हुआ था और इसने क्रिकेट/IPL प्रसारण से जुड़े अधिकारों का उल्लंघन कर अत्यधिक राजस्व प्राप्त किया।
इस पूरे मामले में फेयरप्ले के मालिकों ने दुबई और अन्य देशों में शैल कंपनियों के माध्यम से पैसे की हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग की, और जांचकर्ताओं का मानना है कि यह कई देशों में फैला हुआ एक संगठित रैकेट है, जिसे पकड़ना एक बड़ी चुनौती है।