मैसूर में मुडा घोटाले पर ED की कड़ी कार्रवाई: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी पर छापे


के कुमार आहूजा  2024-10-30 07:48:41



 

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए लगातार दूसरे दिन छापेमारी जारी रखी है। इस मामले में ED ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी राकेश पपन्ना के घर और कार्यालय के साथ-साथ कई अन्य ठिकानों पर भी कार्रवाई की। इस कार्रवाई के तहत ममग कंस्ट्रक्शन कंपनी और बिल्डर जयराम के दफ्तर और निवास पर भी छापे मारे गए।

घोटाले की गहराई पर ED की जांच

मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण से जुड़े इस मामले में हजारों करोड़ रुपये के भूमि घोटाले की बात सामने आई है, जहां कथित रूप से अवैध तरीके से जमीन के आवंटन में धांधली की गई। यह घोटाला एक एफआईआर से जुड़ा है जिसमें अधिकारियों पर अवैध दस्तावेज बनाने और निजी हितों के लिए MUDA साइटों को अवैध रूप से आवंटित करने का आरोप है। पूर्व मुडा आयुक्त डी.बी. नटेश और जी.टी. दिनेश कुमार सहित कई नामी हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है।

बड़े प्रभाव वाले नामों की भूमिका

इस घोटाले में बिल्डर और रियल एस्टेट एजेंट जयराम पर आरोप हैं कि उन्होंने मुडा के अधिकारियों से सांठगांठ करके भूमि का 50:50 अनुपात में आवंटन कर लाभ उठाया। जांच के दौरान जयराम के साथ कई प्रभावशाली लोगों के नाम भी सामने आए हैं, जिनकी भूमिकाओं की भी जांच की जा रही है। एक प्रमुख आरटीआई कार्यकर्ता, गंगाराजू को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है और ED ने उनसे कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे हैं।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके सहयोगियों पर छापेमारी

इस घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी राकेश पपन्ना के अलावा कई अन्य प्रभावशाली नाम भी शामिल हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पपन्ना के घर और दफ्तरों पर छापेमारी की गई और इस दौरान बड़ी संख्या में महत्त्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए। इन दस्तावेजों के आधार पर घोटाले की तह तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा पूर्व जिला परिषद सदस्य और अन्य प्रभावशाली लोगों के ठिकानों पर भी छापे मारे गए हैं।

गहराई तक जाने का ED का प्रयास

जांच एजेंसी ने कई कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ मजबूत सबूत जुटाए हैं और घोटाले के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की जा रही है। इससे पहले सोमवार को भी ED की टीम ने बेंगलुरु और मैसूर में नौ स्थानों पर छापेमारी की थी। इस मामले में कर्नाटक में राजनीति भी गरमा गई है क्योंकि सिद्धारमैया के करीबी सहयोगी पर आरोप और जांच के चलते विपक्ष भी सवाल उठा रहा है।

इस छापेमारी के चलते सिद्धारमैया और उनकी पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक संकट उत्पन्न हो सकता है। मामले की जांच अभी भी जारी है और ED ने बताया कि वे आने वाले दिनों में अन्य संदिग्धों और प्रभावशाली लोगों पर भी कार्रवाई कर सकते हैं।


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