अयोध्या में ऐतिहासिक दिवाली: 500 साल बाद राम मंदिर में दीपोत्सव की विशेष धूम ♦ अयोध्या की दिवाली में इतिहास का सबसे भव्य दीपोत्सव ♦ 600 ड्रोन करेंगे आकाश में रामायण का चित्रण
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-10-30 07:00:17
अयोध्या की धरती इस बार एक ऐतिहासिक क्षण की गवाह बनने जा रही है। दिवाली का यह पर्व, वर्षों की प्रतीक्षा के बाद, अब भगवान राम के अयोध्या मंदिर में पहली बार मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे एक विशेष दिवाली का नाम देते हुए कहा, “500 सालों में यह पहली बार है जब भगवान राम अपने मंदिर में यह पर्व मना रहे हैं।” इस भव्य दीपोत्सव में हजारों दीयों से सरयू के घाटों को सजाया जाएगा, और पूरे शहर में भव्य आयोजन की तैयारियाँ हो रही हैं।
अयोध्या का भव्य दीपोत्सव: सरयू के घाटों पर सजी हजारों दीपों की श्रृंखला
इस वर्ष अयोध्या में दीपोत्सव एक अद्वितीय आयोजन होगा। स्थानीय लोगों ने बताया कि शहर में करीब 2.5 लाख दीये जलाए जाएंगे, जो सरयू नदी के घाटों पर पूरे शहर को रोशन करेंगे। यह दीये कल शाम से जलाए जाने शुरू होंगे, और इस अद्वितीय आयोजन में शामिल होने के लिए लाखों श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुँचने की संभावना है। दीपोत्सव में आकाश में 600 ड्रोन के माध्यम से रामायण के विभिन्न प्रसंगों का चित्रण किया जाएगा, जो एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करेगा। इस आधुनिक तकनीकी प्रदर्शन से दीपोत्सव को देखने आने वालों के लिए एक खास अनुभव होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया युवाओं को रोजगार का भी वादा
इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक रोजगार मेला भी संबोधित किया, जहाँ उन्होंने 51,000 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए। इस मौके पर उन्होंने बताया कि उनकी सरकार द्वारा चलाए जा रहे रोजगार कार्यक्रमों के तहत हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी का अवसर प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने इसे देश के विकास के प्रति एक सकारात्मक कदम बताया और अयोध्या के दिवाली उत्सव को युवाओं और देशवासियों के लिए नई शुरुआत की तरह देखा।
राम मंदिर का उद्घाटन और दिवाली का महत्व
2024 की यह दिवाली इसलिए भी खास है, क्योंकि भगवान राम के अयोध्या लौटने की प्रतीकात्मकता अब उनके भव्य मंदिर में सजीव रूप में दिखेगी। प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि यह सिर्फ अयोध्या के लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है। उन्होंने सभी देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएँ दीं और इस पर्व को शांति, समृद्धि और उत्सव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि, "अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद ये पहली दिवाली होगी, जब इस पर्व को मनाया जाएगा. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस साल की दिवाली खास है, क्योंकि 500 सालों में पहली बार भगवान राम अयोध्या मंदिर में यह पर्व मनाएंगे।"
अयोध्या में इस दीपोत्सव को देखकर न सिर्फ रामायण काल की यादें ताजा होंगी, बल्कि देश की सांस्कृतिक धरोहर और परंपरा को भी एक नया आयाम मिलेगा। पूरे शहर में खास आयोजन के लिए सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है, ताकि श्रद्धालु इस पर्व का आनंद सुरक्षित और संगठित तरीके से उठा सकें।
इस प्रकार, अयोध्या का यह दीपोत्सव सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का एक अभूतपूर्व प्रदर्शन भी होगा, जिसमें पूरी दुनिया की निगाहें लगी होंगी।