दिल्ली की हवा में घुला ज़हर, लोगों को हो रही सांस लेने में मुश्किलें; सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग 


के कुमार आहूजा  2024-10-29 20:19:03



 

दिल्ली में वायु गुणवत्ता बिगड़ी, निवासियों को सांस लेने में तकलीफ

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर चिंता का विषय बन गई है। राजधानी शुक्रवार को घने स्मॉग की चादर में ढंकी हुई थी, जहां सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 283 पर पहुंच गया। दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने स्टेज II ग्रैप (GRAP) एक्शन प्लान लागू कर दिया है।

बढ़ते प्रदूषण स्तर का असर

AQI में 0-50 का स्तर "अच्छा" माना जाता है, जबकि 201-300 का स्तर "खराब" और 300 से ऊपर का स्तर "बहुत खराब" के तहत आता है। शुक्रवार सुबह दिल्ली के विभिन्न इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर इस प्रकार था: आनंद विहार में 218, पंजाबी बाग में 245, इंडिया गेट पर 276 और झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया में 288, जो गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है।

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में धूल, स्मॉग और अन्य प्रदूषकों के चलते शहर की हवा सांस लेने के लिए खतरनाक होती जा रही है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएं

इंडिया गेट के पास आए एक पर्यटक, श्री कृष्णा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदूषण की स्थिति और भी खराब हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि सांस लेने में मुश्किल हो रही है और लोगों को इस स्थिति से बचने के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझना चाहिए, जैसे कि सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना।

स्थानीय निवासी कल्याणी तिवारी ने बढ़ते प्रदूषण के कारण लगातार सिरदर्द और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत की। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वो त्योहारों से पहले इस मुद्दे पर गंभीर कदम उठाए।

राकेश कुमार, एक अन्य निवासी ने कहा, "अगर यह स्थिति दिवाली से पहले की है, तो दिवाली के बाद का समय और भी भयानक हो सकता है।" लोगों ने सरकार से इस स्थिति पर ध्यान देने और सख्त कार्रवाई करने की अपील की है।

दिल्ली में बढ़ता स्मॉग और जागरूकता की कमी

कई नागरिकों का मानना है कि प्रदूषण की इस समस्या को हल करने के लिए सरकार और जनता, दोनों को एकजुट होकर काम करने की ज़रूरत है। एक निवासी ने कहा कि "सरकार और लोगों के बीच तालमेल की कमी इस स्थिति का मुख्य कारण है। अगर तुरंत सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।"

यमुना नदी में जहरीले झाग और सरकारी कदम

प्रदूषण का प्रभाव यमुना नदी पर भी दिखाई दे रहा है, जहां जहरीला झाग तैरता हुआ देखा गया। जल में इस तरह के प्रदूषण का स्तर वायु प्रदूषण की गंभीरता को और बढ़ाता है। इसके समाधान के लिए पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) ने 24 अक्टूबर को विभिन्न क्षेत्रों में पानी का छिड़काव किया।

स्टेज II GRAP एक्शन प्लान

CAQM ने दिल्ली और एनसीआर में स्टेज II GRAP एक्शन प्लान लागू किया है, जिसके अंतर्गत हर दिन सड़कों की मशीनरी/वैक्यूम सफाई और पानी का छिड़काव किया जाएगा। इसके जरिए प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि नागरिकों को साफ हवा मिल सके और स्वास्थ्य समस्याओं में राहत मिल सके।

इस मुद्दे पर विशेषज्ञों का मानना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए दीर्घकालिक समाधान और नागरिकों की जागरूकता दोनों महत्वपूर्ण हैं।


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