राजस्थान में बढ़ता गर्मी का कहर: पश्चिमी हवाओं के चलते तापमान में उछाल, बाड़मेर सबसे गर्म 


के कुमार आहूजा  2024-10-29 18:44:18



 

रविवार को राजस्थान के शहरों में गर्मी ने नया रिकॉर्ड बनाया, जिसमें कई स्थानों पर तापमान सामान्य से 2 से 7 डिग्री ऊपर दर्ज किया गया। प्रदेश के बाड़मेर जिले में तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस समय सामान्य से कहीं अधिक है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बढ़ते तापमान के पीछे पश्चिमी हवाओं का असर है।

राजस्थान के कई शहरों में तापमान का स्तर लगातार ऊपर जा रहा है। इस सप्ताहांत की शुरुआत में बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और फालौदी में तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह बढ़ते तापमान का स्तर जलवायु परिवर्तन और पश्चिमी हवाओं के प्रभाव का परिणाम है, जो प्रदेश के अन्य हिस्सों की अपेक्षा पश्चिमी राजस्थान में गर्मी का कहर अधिक ला रही हैं।

तापमान में बढ़ोतरी:

रविवार को बाड़मेर सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 40.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, बीकानेर में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जैसलमेर, जोधपुर और जालौर जैसे शहरों में अधिकतम तापमान 39 से 40 डिग्री के बीच दर्ज किया गया। इन बढ़ते तापमान के कारण लोगों को भारी गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

पश्चिमी हवाओं का असर:

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ते तापमान का मुख्य कारण पश्चिमी हवाएं हैं, जो राजस्थान की जलवायु पर गहरा प्रभाव डाल रही हैं। ये हवाएं न केवल तापमान को बढ़ा रही हैं, बल्कि हवा में नमी की मात्रा को भी कम कर रही हैं, जिससे दिन में गर्मी और असहनीय बन रही है। इसका सीधा असर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों जैसे बाड़मेर, जैसलमेर और बीकानेर पर देखा जा रहा है।

स्थानीय निवासियों का संघर्ष:

इस बढ़ती गर्मी के बीच स्थानीय निवासियों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में लोग सुबह और शाम के समय बाहर काम करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि दोपहर की चिलचिलाती धूप से बचा जा सके। कई क्षेत्रों में पानी की कमी भी चिंता का कारण बन रही है, क्योंकि अधिक तापमान के चलते पानी की मांग में इजाफा हो रहा है।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान:

मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले दिनों में भी राजस्थान में गर्मी का यही हाल बना रहेगा। तापमान में कोई खास गिरावट की उम्मीद नहीं है और पश्चिमी हवाएं इसी तरह से असर डालती रहेंगी। इसके चलते लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है और पानी का पर्याप्त सेवन करने और दोपहर में बाहर कम से कम रहने की हिदायत दी गई है।

विशेषज्ञों की राय:

जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार, यह समय राजस्थान में शरद ऋतु का है, जब आमतौर पर तापमान में गिरावट आनी चाहिए। लेकिन, जलवायु परिवर्तन के कारण अब ऐसे समय में भी गर्मी के असामान्य दौर देखे जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जलवायु परिवर्तन की यही दर जारी रही, तो आने वाले वर्षों में राजस्थान में तापमान में और अधिक वृद्धि हो सकती है।


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