प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना: आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने की एक अनोखी पहल 


के कुमार आहूजा  2024-10-29 16:23:49



 

आदिवासी समुदायों की समृद्ध विरासत और संस्कृति को संरक्षित करते हुए, उनकी आर्थिक और सामाजिक उन्नति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई “प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना” (PMVKY) एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाना और उन्हें देश के मुख्यधारा के विकास से जोड़ना है।

परिचय और योजना का उद्देश्य

भारत में लगभग 8.9% जनसंख्या आदिवासी समुदायों की है, जिनका जीवन शैली और संस्कृति देश के विभिन्न हिस्सों में अद्वितीय होती है। ये समुदाय, हिमालय से लेकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तक फैले हुए हैं। लंबे समय से यह देखा गया है कि इन समुदायों की विकास में सहभागिता सीमित रही है और इनके आर्थिक और सामाजिक अधिकारों पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया गया है। इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना (PMVKY) की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत आदिवासी समुदायों को आर्थिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

योजना के मुख्य घटक

PMVKY का सबसे महत्वपूर्ण पहलू इसका समग्र विकास दृष्टिकोण है। इस योजना में 2021-22 से 2025-26 तक ₹26,135.46 करोड़ का वित्तीय प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत आदिवासी बहुल क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, आजीविका के नए साधनों का सृजन और शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। योजना के अंतर्गत गाँव स्तर पर सामुदायिक विकास की दिशा में कार्य किए जा रहे हैं जिससे न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि आदिवासी समुदायों की पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोए रखने में मदद मिलेगी।

आदिवासी संस्कृति और वन संरक्षण में योगदान

प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना की घोषणा के दौरान आदिवासी समुदायों के प्राकृतिक संसाधनों और वन संरक्षण में योगदान का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज ने पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में हमेशा से एक अनूठी भूमिका निभाई है। उनके अनुसार, यह योजना आदिवासी संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण के साथ-साथ समाज में उनकी विशिष्ट पहचान को मजबूत करेग

शिक्षा और कौशल विकास में सुधार

PMVKY के अंतर्गत, आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए भी व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। इसमें विशेष स्कूलों और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया जा रहा है। इस योजना का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू आदिवासी क्षेत्रों में कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन है, जिससे युवा अपनी आजीविका के लिए बेहतर अवसर प्राप्त कर सकें।

सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का प्रयास

प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना के तहत सरकार ने आदिवासी समुदायों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। यह योजना “सबका साथ, सबका विकास” के नारे को साकार करने की दिशा में एक कदम है, जिससे समाज के हर वर्ग को समान अवसर मिले। इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक उन्नति ही नहीं है, बल्कि यह आदिवासी समुदायों के आत्म-सम्मान और आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देना है।

प्रधानमंत्री वनबंधु कल्याण योजना, आदिवासी समुदायों के विकास और सशक्तिकरण की दिशा में एक समर्पित प्रयास है। इस योजना के माध्यम से आदिवासी समाज को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे वे अपने पारंपरिक ज्ञान और संस्कृति को संरक्षित करते हुए मुख्यधारा के विकास में योगदान दे सकें।


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