ओडिशा में 35 वर्षीय व्यक्ति को नाबालिग से दुष्कर्म के लिए 20 साल की सजा
के कुमार आहूजा 2024-10-29 07:43:20
ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक 35 वर्षीय व्यक्ति को एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के आरोप में अदालत ने 20 साल की कठोर सजा सुनाई। यह मामला मयूरभंज के बारिपदा की विशेष फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई के बाद सामने आया, जिसमें न्यायाधीश ने दोषी को न केवल सजा दी, बल्कि उस पर आर्थिक जुर्माना भी लगाया। इस फैसले से समाज में महिला सुरक्षा के प्रति न्यायिक कठोरता का स्पष्ट संदेश मिलता है।
दुष्कर्म का मामला और सुनवाई
यह घटना ओडिशा के मयूरभंज जिले में सामने आई, जहाँ एक 35 वर्षीय व्यक्ति ने एक किशोरी के साथ दुष्कर्म किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए, इसे फास्ट ट्रैक अदालत में विशेष न्यायाधीश संतोष कुमार नायक के समक्ष लाया गया। विशेष लोक अभियोजक मनोरंजन पटनायक के अनुसार, आरोपी की हरकतों ने न्यायाधीश को इस कठोर सजा के लिए प्रेरित किया।
कठोर सजा और आर्थिक जुर्माना
न्यायालय ने दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। यदि दोषी जुर्माना अदा नहीं करता है, तो उसे अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। यह फैसला समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में न्यायालय किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरतता।
पीड़िता को मुआवजा
अदालत ने पीड़िता की मानसिक और शारीरिक पीड़ा को ध्यान में रखते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को 50,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया। यह कदम पीड़िता को कुछ आर्थिक सहारा देने के उद्देश्य से उठाया गया है, जिससे वह अपने जीवन को आगे बढ़ा सके।
समाज पर प्रभाव और निष्कर्ष
ओडिशा के इस मामले ने समाज को यह संदेश दिया है कि महिलाओं की सुरक्षा के मामलों में कानून के प्रति लापरवाही नहीं बरती जा सकती। यह फैसला न्याय प्रणाली की शक्ति और दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों के प्रति उनकी शून्य सहिष्णुता को दर्शाता है। न्यायालय ने इस मामले में पीड़िता के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की और दोषी को सजा देकर समाज में न्याय की अवधारणा को मजबूती दी।