इज़रायली हवाई हमले में तीन पत्रकारों की मौत, संघर्षविराम की जरूरत पर ब्लिंकेन का जोर 


के कुमार आहूजा  2024-10-27 16:33:39



इज़रायली हवाई हमले में तीन पत्रकारों की मौत, संघर्षविराम की जरूरत पर ब्लिंकेन का जोर 

लेबनान में बढ़ती हिंसा के बीच दक्षिणी इलाके में पत्रकारों पर हमला

शुक्रवार को इजरायली हवाई हमले में दक्षिणी लेबनान के तीन पत्रकार मारे गए, जो संघर्ष की गंभीरता को दर्शाता है। अल-मायादीन और अल-मनार जैसे मीडिया संगठनों ने इनकी पहचान ग़ासान नज्जार, मोहम्मद रिदा, और विस्साम कासेम के रूप में की। ये सभी उस समय हिट हुए जब वे हस्बाया क्षेत्र के एक गेस्टहाउस में रह रहे थे। यह क्षेत्र पहले तक हमलों से अछूता था, लेकिन शुक्रवार सुबह इज़रायली लड़ाकू विमानों ने हमला किया, जिससे इलाके में भारी नुकसान हुआ।

अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने इस परिस्थिति पर चिंता जताई और जोर दिया कि क्षेत्र में तुरंत कूटनीतिक समाधान की जरूरत है। वे इज़रायल में इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के पूर्ण कार्यान्वयन की बात भी शामिल है। इसके तहत इजरायल और लेबनान के बीच सीमा पर स्थायी शांति कायम की जानी चाहिए ताकि दोनों देशों के नागरिक अपने घरों में सुरक्षित रूप से लौट सकें।

सीमाई क्षेत्र में हमले और मानवीय संकट

इस संघर्ष के दौरान, इज़रायल ने लेबनान के बेक्का वैली और बेरूत के दक्षिणी उपनगरों पर भी कई हमले किए हैं। इसके साथ ही इज़रायल के सैन्य अधिकारियों ने दावा किया कि बेक्का वैली में जोसिये सीमा पार स्थान पर हथियारों के संग्रहण केंद्र स्थित थे। वहीं, लेबनान के परिवहन मंत्री अली हामेह ने बताया कि इज़रायली हमले ने जोसिये क्रॉसिंग को ठप कर दिया है, जिससे सीरिया तक पहुंच का एक महत्वपूर्ण मार्ग बंद हो गया है। संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने बताया कि इस सीमा पर हमले से सैकड़ों शरणार्थियों को जान बचाने के लिए भागने में कठिनाई हो रही है।

लेबनान की स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया कि अब तक इज़रायली हवाई हमलों में 2500 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 12 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ने पर मजबूर हुए हैं। इस हिंसा से उत्पन्न मानवीय संकट को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय संस्थानों ने सहायता पहुँचाने की बात कही है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय संस्थाएं शामिल हैं।

पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल और अंतरराष्ट्रीय आक्रोश

इस हवाई हमले के बाद, कई पत्रकार संगठन और लेबनान के सूचना मंत्री ज़ियाद मकारी ने इस हमले को "युद्ध अपराध" कहा और इसकी निंदा की। यह पहली बार नहीं है जब इज़रायल ने पत्रकारों को निशाना बनाया हो; इससे पहले अक्टूबर में रॉयटर्स के विजुअल जर्नलिस्ट इस्साम अब्दल्लाह की भी मौत हो चुकी है।

इस बीच, संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षक मिशन पर भी इज़रायली सेना द्वारा हमले की रिपोर्टें आई हैं। बताया गया है कि इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान में संयुक्त राष्ट्र के एक पर्यवेक्षण पोस्ट पर गोलाबारी की, जिसके कारण संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को पोस्ट छोड़नी पड़ी। इज़रायल ने इस हमले की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है।

राजनीतिक दृष्टिकोण: संघर्षविराम और स्थायित्व की मांग

ब्लिंकेन के साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय नेता भी इस संघर्ष को कूटनीतिक समाधान की तरफ ले जाने के लिए प्रयासरत हैं। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि गाजा में हो रही हिंसा के कारण वहां पर जातीय सफाई जैसी स्थिति उत्पन्न हो रही है।

इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र के तत्वाधान में संघर्षविराम का प्रस्ताव और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का कार्यान्वयन लेबनान के लिए एक जरूरी कदम बन चुका है। ब्लिंकेन का कहना है कि यह प्रस्ताव दोनों देशों के निवासियों को उनके घर लौटने का विश्वास देगा और शांति की ओर मार्ग प्रशस्त करेगा।


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