महाराष्ट्र चुनाव में रोमांच: बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान का सामना आदित्य ठाकरे के चचेरे भाई से
महाराष्ट्र चुनाव में रोमांच: बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान का सामना आदित्य ठाकरे के चचेरे भाई से 2024-10-27 16:27:30
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की राजनीति में नाटकीय मोड़ आते ही हैं, पर इस बार कहानी व्यक्तिगत, राजनीतिक और भावनात्मक संघर्ष से भरी है। जानिए कैसे बाबा सिद्दीकी के बेटे ज़ीशान ने पिता की हत्या के बाद अपने राजनीतिक भविष्य के नए अध्याय की शुरुआत की है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के तहत आगामी चुनावी माहौल में एक अप्रत्याशित मोड़ देखने को मिला जब अजित पवार की नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने अपने दूसरे उम्मीदवारों की सूची जारी की। इस सूची में एक नाम सबका ध्यान खींच रहा है—ज़ीशान सिद्दीकी, जिनका नाम मुंबई के बांद्रा ईस्ट निर्वाचन क्षेत्र के लिए उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया है। हाल ही में कांग्रेस से निष्कासित ज़ीशान ने NCP में शामिल होने के बाद अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। उनका मुकाबला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रत्याशी वरुण सरदेसाई से होगा, जो आदित्य ठाकरे के करीबी रिश्तेदार हैं।
पिता की हत्या और राजनीतिक संघर्ष
12 अक्टूबर को, बांद्रा स्थित कार्यालय के बाहर बाबा सिद्दीकी की हत्या ने ज़ीशान और उनके परिवार को गहरा सदमा दिया। पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी के निधन के बाद से ज़ीशान लगातार न्याय की मांग कर रहे हैं और उन्होंने सोशल मीडिया पर भावुक संदेशों के माध्यम से अपने संघर्ष और साहस को व्यक्त किया। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि उनके पिता की हत्या ने उन्हें तोड़ा जरूर है, पर उनका हौसला अभी भी बरकरार है।
बाबा सिद्दीकी के निधन के बाद NCP में शामिल होना ज़ीशान के लिए एक नई शुरुआत है, और उनकी इस चुनावी यात्रा में उन्हें बांद्रा ईस्ट की जनता का समर्थन मिल रहा है। 12 अक्टूबर के बाद, कई गिरफ़्तारियां हुई हैं, लेकिन मामले की जांच अभी भी जारी है। वहीं, ज़ीशान का कहना है कि उनकी लड़ाई उनके पिता की मृत्यु को लेकर है, और वे न्याय की मांग पर अडिग हैं ।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और अन्य प्रत्याशी
शिवसेना (UBT) के उम्मीदवार वरुण सरदेसाई की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद, ज़ीशान ने सोशल मीडिया पर निराशा जताते हुए शिवसेना के साथ अपने पुराने संबंधों में आई दूरी को भी इशारों में व्यक्त किया। ज़ीशान ने इस बदलाव के पीछे पार्टी की ओर से उपेक्षित किए जाने की भावना बताई। NCP के नए समर्थन के साथ, ज़ीशान इस चुनावी मुकाबले को एक नई चुनौती के रूप में देख रहे हैं और अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
NCP की नई रणनीति और प्रमुख चेहरे
NCP की ओर से अन्य प्रमुख प्रत्याशियों की भी घोषणा हुई है। जैसे कि पूर्व भाजपा सांसद संजयकाका पाटिल को तासगांव-कवठे महांकल से, जबकि प्रताप पाटिल चिकालिकर को लोहा सीट से खड़ा किया गया है। इनके अलावा, पुणे के वडगांव-शेरी से वर्तमान विधायक सुनील टिंगरे, इस्लामपुर से निशिकांत पाटिल, और शिरूर से दयानेश्वर कटके भी चुनावी मैदान में होंगे। NCP इस बार विभिन्न क्षेत्रों में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए भाजपा से निकले नेताओं को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।
समयबद्ध संघर्ष
बांद्रा ईस्ट का यह चुनावी मुकाबला केवल दो प्रतिद्वंद्वी दलों के बीच का संघर्ष नहीं है, बल्कि दो परिवारों के बीच की जंग भी है जो भावनात्मक और राजनीतिक दृष्टि से गहरे जुड़े हुए हैं। इस बार, वोटों की लड़ाई में विचारधारा के साथ-साथ व्यक्तिगत आघात और सियासी ध्रुवीकरण का प्रभाव भी दिखाई देगा।
चुनावी समीकरण
महाराष्ट्र चुनावी मैदान में उतरते ही NCP और शिवसेना (UBT) के बीच यह मुकाबला और भी दिलचस्प होता जा रहा है। ज़ीशान और वरुण का यह मुकाबला बांद्रा ईस्ट में एक चर्चित मुद्दा बना हुआ है, और जनता के बीच इस चुनाव की हलचल भी बढ़ गई है। अब देखना यह है कि इस संघर्ष में किसे जनता का समर्थन मिलता है और कौन अपने उद्देश्य में सफल होता है।