दिल्ली के डेवलपर का JioHotstar.com पर कब्जा, ₹1 करोड़ से ज्यादा की मांग 


के कुमार आहूजा  2024-10-27 14:14:50



 

एक युवा ऐप डेवलपर, जिसने बड़े सपने के साथ कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने का लक्ष्य रखा था, अब रिलायंस जैसी बड़ी कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है। उसने JioHotstar.com नामक डोमेन पर कब्जा जमाकर उसे ₹1 करोड़ से ज्यादा की कीमत में बेचने की मांग की है। अब रिलायंस इस पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है।

पूरा मामला क्या है?

दिल्ली के एक ऐप डेवलपर ने JioHotstar.com नामक डोमेन खरीदा और अब उसे रिलायंस को बेचने की कोशिश कर रहा है। डेवलपर का दावा है कि इस डोमेन का इस्तेमाल रिलायंस द्वारा हॉटस्टार और वायकॉम18 के मर्जर के बाद किया जा सकता है। डेवलपर ने ये डोमेन इसलिए खरीदा क्योंकि उसे विश्वास था कि हॉटस्टार के साथ JioCinema का मर्जर होगा और इसका नाम JioHotstar हो जाएगा।

2023 की शुरुआत में जब Disney+ Hotstar ने IPL स्ट्रीमिंग अधिकार खो दिए और उसके डेली यूजर में गिरावट आई, तब इस डेवलपर ने इस डोमेन को रजिस्टर कर लिया। उनका अनुमान था कि रिलायंस, हॉटस्टार को खरीदने के बाद उसे JioHotstar.com के नाम से लॉन्च कर सकता है, ठीक उसी तरह जैसे उसने Saavn को JioSaavn में रीब्रांड किया था।

डेवलपर का उद्देश्य

डेवलपर ने अपने ब्लॉग में कहा कि उसने यह डोमेन अपने बड़े सपने को पूरा करने के लिए खरीदा था। उसका लक्ष्य था कि डोमेन बेचकर उसे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई के लिए फंड मिले। वह पहले भी 2021 में कैम्ब्रिज के एक प्रोग्राम में चुना गया था, लेकिन अब वह वहाँ पूरी डिग्री करना चाहता है, जिसके लिए उसे पैसे की ज़रूरत है।

उन्होंने कहा, “कैम्ब्रिज में डिग्री प्राप्त करना मेरा सपना है, लेकिन ये बहुत महंगा है। इसलिए मैंने सोचा कि अगर रिलायंस इस डोमेन को खरीदता है, तो मैं अपनी पढ़ाई के लिए पैसा जुटा सकूंगा।”

रिलायंस का रुख और लीगल कार्रवाई

रिलायंस ने इस डोमेन को खरीदने से मना कर दिया है और इसके बजाय कानूनी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। रिलायंस का कहना है कि यह डोमेन उनके ट्रेडमार्क का उल्लंघन करता है, इसलिए वे इस मामले को लीगल तरीके से निपटाने की तैयारी में हैं। डेवलपर ने बताया कि उसने रिलायंस से £93,345 (लगभग ₹1 करोड़) की मांग की थी, लेकिन उसकी मांग को ठुकरा दिया गया। अब वह रिलायंस से पुनः अनुरोध कर रहा है कि वे उसकी मांग पर विचार करें।

आगे की संभावनाएं

यह पूरा मामला अब रिलायंस की कानूनी कार्रवाई पर निर्भर करता है। डेवलपर अभी भी उम्मीद कर रहा है कि रिलायंस उसकी मांग को मान लेगा, जिससे वह अपनी पढ़ाई के सपने को पूरा कर सके। हालांकि, रिलायंस की तरफ से लीगल नोटिस मिलने के बाद मामला और गंभीर हो सकता है।

यह घटना एक दिलचस्प उदाहरण है कि कैसे टेक्नोलॉजी और बिजनेस की दुनिया में एक छोटी सी पहल बड़े नतीजों में बदल सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कानूनी लड़ाई का क्या नतीजा निकलता है, और क्या डेवलपर का सपना पूरा हो पाता है या नहीं।


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