बेंगलुरु के घर खरीदारों को बड़ी राहत, NCDRC के फैसले के बाद मंत्री डिवेलपर्स तैयार हुए रिफंड देने के लिए


के कुमार आहूजा  2024-10-25 03:24:17



 

बेंगलुरु में मंत्री रेजिडेंसी अपार्टमेंट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (MRAOWA) के लिए एक लंबी लड़ाई के बाद, नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन (NCDRC) ने मंत्री डिवेलपर्स को आदेश दिया है कि वे 7.12 करोड़ रुपये की राशि एसोसिएशन को लौटाएं। यह मामला तब सामने आया जब घर खरीदारों ने शिकायत की कि डिवेलपर ने फ्लैट खरीदते समय जो रिफंडेबल मैनटेनेंस डिपॉजिट लिया था, उसे वापस नहीं किया गया।

मामले की शुरुआत

शिवकुमार कृष्णमूर्ति, मंत्री रेजिडेंसी के निवासी, ने यह मामला NCDRC के सामने उठाया। उनका दावा था कि जब मंत्री डिवेलपर्स ने मैनटेनेंस एजेंसी से MRAOWA को सुविधाओं का हस्तांतरण किया, तो डिपॉजिट की राशि नहीं लौटाई गई। फ्लैट खरीदते समय खरीदारों से 23,000 रुपये से लेकर 56,000 रुपये तक का मैनटेनेंस डिपॉजिट लिया गया था, जो कि बाद में वापस किया जाना था। हालांकि, यह रकम कभी भी लौटाई नहीं गई, जिससे नाराज होकर एसोसिएशन ने NCDRC में शिकायत दर्ज करवाई।

NCDRC का फैसला और वारंट जारी

NCDRC ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मंत्री डिवेलपर्स को 7.12 करोड़ रुपये की राशि लौटाने का आदेश दिया। कमीशन ने यह भी कहा कि इस रकम पर 1 सितंबर 2017 से 6% की दर से देरी का ब्याज भी जोड़ा जाएगा। इस बीच, घर खरीदारों के लिए राहत तब मिली जब कमीशन ने मंत्री डिवेलपर्स के प्रमुख सुशील मंत्री के खिलाफ गैर-जमानती वारंट और उनके बेटे प्रतीक मंत्री और पत्नी स्नेहल मंत्री के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया।

कर्नाटक हाई कोर्ट की रोक

हालांकि, जब मंत्री परिवार के खिलाफ वारंट जारी हुआ, तो उन्होंने इस आदेश को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम सुंदर ने प्रतीक मंत्री और स्नेहल मंत्री का प्रतिनिधित्व किया, जबकि एडवोकेट अनिरुद्ध सुरेश ने MRAOWA की ओर से कोर्ट में अपनी बात रखी। कर्नाटक हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रतीक और स्नेहल मंत्री के खिलाफ जमानती वारंट पर रोक लगा दी, लेकिन दोनों को NCDRC के सामने पेश होने का निर्देश दिया। इससे घर खरीदारों को एक बार फिर राहत मिली, क्योंकि अब मंत्री डिवेलपर्स को NCDRC के फैसले का पालन करना होगा।

रिफंड पर सहमति

23 सितंबर 2024 को NCDRC में हुई सुनवाई में सुशील मंत्री पेश हुए और उन्होंने पुष्टि की कि मंत्री डिवेलपर्स खरीदारों को मुख्य रकम लौटाने के लिए तैयार हैं। NCDRC ने भी उन्हें छह महीने की अवधि के भीतर यह रिफंड करने का निर्देश दिया था। साथ ही, सितंबर 2017 से इस देरी के लिए 6% ब्याज का भुगतान भी करने का आदेश दिया गया।

घर खरीदारों के लिए बड़ी जीत

यह फैसला बेंगलुरु के घर खरीदारों के लिए एक बड़ी जीत साबित हुआ है, जो वर्षों से इस लड़ाई में लगे हुए थे। मंत्री रेजिडेंसी अपार्टमेंट ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने अपनी कठिनाइयों के बावजूद अपनी आवाज़ बुलंद रखी और आखिरकार न्याय पाया।

इस केस से यह स्पष्ट होता है कि घर खरीदारों के अधिकारों की रक्षा के लिए देश में कानून व्यवस्था का सही तरीके से पालन होना आवश्यक है। NCDRC का यह फैसला एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे यह साबित होता है कि कानूनी तंत्र किसी भी डिवेलपर को ग्राहकों के साथ अन्याय करने की अनुमति नहीं देता। हालांकि मंत्री डिवेलपर्स ने रिफंड की पेशकश की है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की प्रक्रिया कितनी सुचारू रहती है।


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