दिल्ली में रोबोटिक्स की धूम: आपदा प्रबंधन के लिए देशभर के छात्रों ने दिखाई तकनीकी प्रतिभा


के कुमार आहूजा  2024-10-24 08:12:07



 

नई दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU)-वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (WTSA 2024) में भारत के 11 राज्यों के छात्रों ने रोबोटिक्स चैलेंज में हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य आपदा प्रबंधन में तकनीकी समाधानों का विकास करना था। लगभग 120 टीमों ने इस चैलेंज के लिए आवेदन किया था, जिसमें से 51 टीमों को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी रोबोटिक्स तकनीक का प्रदर्शन करने का अवसर मिला।

प्रतियोगिता का उद्देश्य और थीम:

इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का आयोजन 'AI for Good Impact India' के तहत हुआ और इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को रोबोटिक्स और कोडिंग में समावेशी शिक्षा प्रदान करना था। इस वर्ष की प्रतियोगिता की थीम 'आपदा प्रबंधन' थी, जहां प्रतिभागियों को ऐसी तकनीकी रोबोटिक प्रणालियों का निर्माण करना था जो प्राकृतिक आपदाओं, जैसे भूकंप, में लोगों की जान बचाने में सहायक हो सकें।

इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को रोबोट डिजाइन, निर्माण और प्रोग्रामिंग का व्यावहारिक अनुभव मिला। इन रोबोटों को ऐसे मिशन के लिए तैयार किया गया था, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से मेल खाते हों और सामूहिक कार्य, समस्या समाधान और सतत अभ्यास को प्रोत्साहित करते हों।

भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए रोबोटिक्स सॉल्यूशन:

प्रतियोगिता की पहली चुनौती में, छात्रों को एक ऐसा रोबोटिक सिस्टम विकसित करना था जो भूकंप से पीड़ित लोगों की जान बचा सके। एक सिमुलेशन के जरिए भूकंप का वास्तविक परिदृश्य तैयार किया गया, जहां प्रतिभागी रोबोटों को प्रोग्राम कर उन पीड़ितों को शरणस्थलों और अस्पतालों तक पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करते थे। यह सिमुलेशन प्रतिभागियों के तकनीकी कौशल और समस्या-समाधान की क्षमता की परीक्षा के लिए तैयार किया गया था।

विजेताओं की घोषणा:

सीनियर कैटेगरी में दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड की टीम "AI पायनियर्स" ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं, जूनियर कैटेगरी में वाराणसी के संत अतुलानंद कॉन्वेंट स्कूल, कोइराजपुर की टीम "रेस्क्यू रेंजर्स" विजेता बनी। इन टीमों ने अपने-अपने रोबोटिक समाधानों के माध्यम से आपदा प्रबंधन में अभिनव तरीके प्रस्तुत किए।

विजेता टीमें जुलाई 2025 में जिनेवा में आयोजित होने वाली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता 'AI for Good Global Summit' में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों को रोबोटिक्स में अपने कौशल को निखारने का मौका देती है, बल्कि वैश्विक मंच पर देश का नाम रोशन करने का अवसर भी प्रदान करती है।

सतत विकास लक्ष्यों के साथ समन्वय:

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी समाधानों का विकास करना है। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में इन युवा नवोन्मेषकों द्वारा तैयार किए गए समाधान भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस प्रतियोगिता ने छात्रों को एक ऐसा मंच दिया, जहां वे अपने रोबोटिक्स और कोडिंग कौशल का व्यावहारिक उपयोग करके वैश्विक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत कर सकें।

तकनीकी नवाचार की दिशा में एक कदम:

भारत के विभिन्न राज्यों से आए छात्रों ने इस प्रतियोगिता के जरिए न केवल अपनी तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बल्कि नवाचार और सतत विकास के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा को साबित किया। इस प्रकार की प्रतियोगिताएं युवा मस्तिष्कों को प्रेरित करती हैं और उन्हें नई तकनीकों के विकास में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

मंत्रालय का बयान:

इस कार्यक्रम पर बात करते हुए संचार मंत्रालय ने कहा, "ITU-WTSA 2024 के जरिए हम विविध हितधारकों को एक साथ लाकर वैश्विक समस्याओं का समाधान करने की दिशा में नवाचार को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह मंच छात्रों को सतत विकास लक्ष्यों के साथ जुड़ने और तकनीकी समाधान प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करता है।"

'Robotics for Good Youth Challenge' ने यह साबित किया कि भारत के युवा नवोन्मेषक भविष्य की चुनौतियों का समाधान देने में सक्षम हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से रोबोटिक्स और कोडिंग में समावेशी शिक्षा को बढ़ावा दिया गया, जोकि भविष्य की आपदाओं से निपटने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है। जिनेवा में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली टीमों से भी ऐसे ही शानदार प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है।

यह कार्यक्रम न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि भविष्य में बेहतर आपदा प्रबंधन प्रणालियों के विकास की दिशा में भी एक ठोस कदम था।


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