एक पेड़ मां के नाम: बच्चों के साथ पर्यावरण संरक्षण की पहल
के कुमार आहूजा 2024-10-24 08:04:01
पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवाहन पर देशभर में वृक्षारोपण अभियानों की बाढ़ आ गई है। नालंदा के चोरसुआ क्षेत्र में रघुनंदन सेवा सदन द्वारा आयोजित "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के तहत बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर वृक्षारोपण किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना और उन्हें पौधारोपण के महत्व को समझाना था।
कार्यक्रम का आयोजन और मुख्य उद्देश्य:
इस वृक्षारोपण अभियान का आयोजन नेहरू युवा केंद्र नालंदा द्वारा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तत्वावधान में किया गया, जिसमें सरस्वती विद्या मंदिर, चोरसुआ के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने सहयोग किया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने चोरसुआ के खेल मैदान में पौधारोपण किया, और उन्हें बताया गया कि वृक्ष हमारे जीवन के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं।
मुख्य वक्ता और उनके संदेश:
कार्यक्रम में विद्यालय निदेशक सोनू कुमार सक्सेना ने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की महत्ता पर जागरूक करते हुए कहा, "अगर हम बच्चों को बचपन से ही वृक्षों का महत्व सिखाएंगे, तो वे बड़े होकर इसे अपने जीवन में उतारेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।"
कार्यक्रम के सचिव रोहित कुमार ने कहा, "सिर्फ वृक्षारोपण करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि जहां भी हरे-भरे पेड़ों की कटाई हो रही है, वहां हमें विरोध दर्ज करना चाहिए और कानून के माध्यम से पेड़ों की रक्षा करनी चाहिए।"
अधिवक्ता कुमुद रंजन सिंह ने कानूनी पहलुओं पर जोर देते हुए कहा कि, "हरे-भरे वृक्षों को काटना या नष्ट करना कानूनन अपराध है और इसके लिए सख्त दंड का प्रावधान है। पौधों में भी जीवन है, इसलिए हमें उन्हें संरक्षित करना चाहिए।"
जिला युवा अधिकारी पिंकी गिरी ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि, "विभिन्न युवा क्लबों और महिला मंडलों द्वारा किए जा रहे वृक्षारोपण प्रयास भविष्य में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।"
संस्थानों और संगठनों का योगदान:
इस कार्यक्रम में रघुनंदन सेवा सदन चोरसुआ, मगध समाज कल्याण प्रतिष्ठान, नैशनल जर्नलिस्ट एसोसिएशन, श्रृष्टि युवा क्लब, राष्ट्रीय बाल अभिनय संघ, आदर्श युवा क्लब रानाबिगहा, शेर युवा क्लब पचौरी, अमन युवा क्लब इस्लामपुर, और भारतीय नारी सेवा संस्थान बिहारशरीफ जैसे कई संगठनों और क्लबों का योगदान उल्लेखनीय रहा। इन संस्थानों ने मिलकर न केवल वृक्षारोपण में मदद की बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
"एक पेड़ मां के नाम" अभियान न केवल पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास था, बल्कि यह बच्चों को इस दिशा में प्रेरित करने का एक प्रभावशाली तरीका भी था। इस अभियान में भाग लेने वाले बच्चों और शिक्षकों ने न केवल पौधारोपण किया, बल्कि यह संकल्प भी लिया कि वे आने वाले समय में इन पौधों की देखभाल करेंगे और दूसरों को भी वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करेंगे।
यह पहल यह दर्शाती है कि अगर हम अपने बच्चों को पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी सिखाएं, तो आने वाली पीढ़ी न केवल एक हरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाएगी बल्कि हमारे ग्रह को भी सुरक्षित रखेगी।