भारत में डेटा सेंटर की क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी, FY27 तक पहुंच सकता है 2,100 मेगावाट
के कुमार आहूजा 2024-10-24 04:42:29
भारत में डेटा सेंटर की क्षमता एक नई ऊंचाई पर पहुंचने के लिए तैयार है, जिसमें FY27 तक यह 2,000 से 2,100 मेगावाट तक बढ़ने का अनुमान है। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस वृद्धि के पीछे भारी निवेश और तकनीकी विकास का बड़ा हाथ है। क्या यह भारत को डेटा स्टोरेज के लिए एक प्रमुख केंद्र बना देगा?
डेटा सेंटर की क्षमता का विकास:
हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में डेटा सेंटर की संचालन क्षमता FY24 में 950 मेगावाट से बढ़कर FY27 में 2,000-2,100 मेगावाट तक पहुंच सकती है। यह वृद्धि लगभग 50,000 से 55,000 करोड़ रुपये के निवेश से संभव होगी। वर्तमान में, भारत में डेटा सेंटर की क्षमता का 85 प्रतिशत हिस्सा कुछ प्रमुख कंपनियों जैसे NTT Global Data Centers, STT Global Data Centers, CtrlS Data Centres, Sify Technologies और Nxtra Data Limited के पास है।
नए डेवलपर्स का प्रवेश:
भारतीय बाजार में डेटा सेंटर की बढ़ती मांग को देखते हुए, कई नए डेवलपर्स जैसे Yotta, Digital Connexion, Lumina CloudInfra, CapitaLand और Digital Edge ने भी भारी निवेश के साथ इस क्षेत्र में कदम रखा है। ICRA की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा की विस्फोटक वृद्धि के पीछे कई कारण हैं, जैसे कि सस्ते डेटा टैरिफ योजनाएँ, किफायती स्मार्टफोन्स की उपलब्धता, और सोशल मीडिया, ई-कॉमर्स, गेमिंग और OTT प्लेटफार्मों का बढ़ता उपयोग।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका:
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती मांग, जो अगले 3-5 वर्षों में कई गुना बढ़ने की उम्मीद है, भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण अवसर प्रस्तुत करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से अनुकूल नियामक नीतियाँ और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल का मसौदा डेटा सेंटर की विकास संभावनाओं को समर्थन प्रदान कर रहा है।
को-लोकेशन सेवाएँ:
भारत में डेटा सेंटर की आय का एक बड़ा हिस्सा (80-85 प्रतिशत) को-लोकेशन सेवाओं से आता है, जिन्हें हाइपरस्केलर्स द्वारा समर्थन मिलता है। वर्तमान में, भारत की मौजूदा क्षमता का लगभग 95 प्रतिशत छह प्रमुख शहरों में है, जिनमें मुंबई और चेन्नई प्रमुख हैं। इन शहरों में उच्च गुणवत्ता वाले केबल नेटवर्क के कारण डेटा ट्रांसफर की गति बेहतर है।
हरित ऊर्जा का महत्व:
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अधिकतर प्रमुख किरायेदारों के ESG मानदंडों को ध्यान में रखते हुए, डेटा सेंटर ऑपरेटरों को अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हरित ऊर्जा में निवेश करने की उम्मीद है। वर्तमान में, भारतीय डेटा सेंटर ऑपरेटरों के लिए कुल ऊर्जा खपत में हरित ऊर्जा का प्रतिशत 5 प्रतिशत से कम है, लेकिन यह 2028 तक 20-25 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
भारत में डेटा सेंटर उद्योग की विकास दर देश के डिजिटल परिवर्तन को दर्शाती है। यह न केवल रोजगार के अवसर पैदा करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग के लिए भारत को एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।