भारत की अर्थव्यवस्था को मिल रही नई उड़ान: 2024-25 के लिए 7.2 फीसदी जीडीपी वृद्धि का अनुमान
के कुमार आहूजा 2024-10-23 16:25:43
भारत की आर्थिक विकास की कहानी एक बार फिर रफ्तार पकड़ रही है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह स्पष्ट किया कि उपभोक्ता मांग और निवेश से प्रेरित विकास का मार्ग मजबूत बना हुआ है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए जीडीपी में तेज़ी से उछाल की उम्मीद जताई जा रही है।
विस्तृत रिपोर्ट:
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी मासिक बुलेटिन में 2024-25 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति का संकेत दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि निजी खपत और निवेश मांग भारत की आर्थिक वृद्धि के प्रमुख प्रेरक बने हुए हैं। आरबीआई ने अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि 7.2% पर होने की संभावना व्यक्त की है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक गति को दर्शाता है।
दास ने बताया कि ग्रामीण मांग और कृषि उत्पादन में सुधार से घरेलू खपत की संभावनाएं उज्ज्वल हो रही हैं। इसके साथ ही, सेवा क्षेत्र की निरंतर प्रगति से शहरी मांग में भी उछाल की उम्मीद है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का पूंजीगत व्यय (capex) और बैंक व कॉरपोरेट्स की मजबूत बैलेंस शीट निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देने में सहायक होंगी।
आरबीआई के अनुसार, 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमानित विवरण इस प्रकार है:
Q2 में 7.0%
Q3 में 7.4%
Q4 में 7.4%
साथ ही, 2025-26 के Q1 के लिए जीडीपी वृद्धि 7.3% पर अनुमानित की गई है।
महंगाई पर भी रहेगी नजर:
महंगाई के मोर्चे पर आरबीआई ने अनुमान जताया कि 2024-25 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति 4.5% पर रह सकती है। हालांकि, सितंबर के महीने में महंगाई में कुछ उछाल देखने को मिलेगा, जिसका कारण प्याज, आलू और चने की कमी से जुड़ी कीमतों में बढ़ोतरी हो सकता है।
आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि घरेलू वृद्धि का स्थायित्व बना हुआ है और निजी खपत व निवेश दोनों एकसाथ बढ़ रहे हैं। इस संदर्भ में, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने वर्तमान मुद्रास्फीति और वृद्धि की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, अपनी नीति को ‘तटस्थ’ बनाए रखा है और महंगाई को 4% के लक्ष्य पर लाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं।
आरबीआई की भविष्य की रणनीति:
दास ने आगे कहा कि आरबीआई भविष्य में लिक्विडिटी प्रबंधन में लचीला और तेज़ रहेगा। उन्होंने बताया कि मुद्रा बाज़ार की ब्याज दरों को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाएगा, जिससे तरलता को नियंत्रित किया जा सके और ब्याज दरें सही दिशा में विकसित हों।
भारत की आर्थिक वृद्धि की यह गति दर्शाती है कि देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है, और इसका भविष्य उज्ज्वल है।