आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय गड़बड़ियों का खुलासा, डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री को सौंपी 137 पन्नों की रिपोर्ट
के कुमार आहूजा 2024-10-23 08:52:14
पश्चिम बंगाल के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में घटी भयावह घटना के बाद जूनियर डॉक्टरों के संगठन ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वित्तीय गड़बड़ियों से संबंधित दस्तावेज़ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सौंपे गए, जिनमें अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। इस रिपोर्ट में प्रशासनिक लापरवाही का भी उल्लेख किया गया है।
विस्तृत रिपोर्ट:
पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट (WBJDF) ने सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हुई वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज़ सौंपे। इन दस्तावेज़ों में अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुए वित्तीय घोटालों का विस्तार से जिक्र किया गया है। संगठन ने राज्य सरकार को एक 137 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी, जिसमें इन वित्तीय अनियमितताओं का पूरा ब्योरा दिया गया है।
WBJDF के प्रतिनिधि ने बताया कि इन दस्तावेज़ों में संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान किए गए धन के दुरुपयोग के कई उदाहरण शामिल हैं। इसमें मशीनरी की खरीद में बाज़ार मूल्य से दुगुनी कीमत चुकाने, टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी, अस्पताल परिसर में अवैध रूप से व्यवसाय चलाने वालों को भारी कमीशन लेकर जगह देने जैसी गड़बड़ियों का जिक्र है। इसके अलावा, अस्पताल के फंड का निजी सामानों की खरीद के लिए इस्तेमाल करने के भी आरोप हैं।
स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी पर सवाल:
डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कई बार इन गड़बड़ियों की शिकायतों को नज़रअंदाज़ किया। संगठन के प्रतिनिधि ने कहा, "स्वास्थ्य विभाग के सचिव इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते, खासकर जब इन गड़बड़ियों की शिकायतें बार-बार उसी विभाग को दी गई थीं। इसलिए हमने शुरुआत से ही राज्य के स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग की थी।"
केंद्रीय एजेंसियों की जांच:
वित्तीय अनियमितताओं के इस मामले की जांच अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रही हैं। CBI की जांच अदालत द्वारा निर्देशित और निगरानी में है, जबकि ED ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है और अपनी जांच शुरू कर दी है।
इन गड़बड़ियों के साथ ही संदीप घोष पर गंभीर आरोप हैं कि उन्होंने अस्पताल के जैविक कचरे की तस्करी की और आर.जी. कर के शवगृह में अज्ञात शवों के अंगों की अवैध बिक्री में भी संलिप्त थे। यह आरोप और अधिक गंभीरता तब ले लेते हैं जब इसे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में गहरी पैठी हुई अनियमितताओं के संदर्भ में देखा जाता है।
मुख्यमंत्री से उम्मीदें:
डॉक्टरों के संगठन ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से हस्तक्षेप करने की मांग की है, ताकि भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ियों की गहन जांच हो और इसमें शामिल सभी लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके।
WBJDF ने आगे कहा कि इस प्रकार की वित्तीय अनियमितताओं और प्रशासनिक लापरवाहियों ने न केवल अस्पताल के कामकाज को बाधित किया है, बल्कि रोगियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं का यह मामला एक गंभीर मुद्दा बन गया है, जिसमें राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की नाकामी भी उजागर हुई है। अब यह देखना बाकी है कि मुख्यमंत्री और राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और कैसे इन आरोपों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करती है।